किसान नेताओं और किसानों ने बताया किया कि बोटाद जिले में कपास के बीज की कमी है और काला बाजारी हो रही है. इस पर कृषि विभाग ने तत्काल जांच की. कृषि विभाग के अधिकारियों ने शहर के पैयड़ रोड स्थित कृषि केंद्रों में जांच की. एग्रो सेंटरों में अधिकारियों द्वारा स्टॉक एवं गोदामों की जांच की जा रही है.
अब किसानों के लिए बुआई का समय नजदीक आ रहा है. फिर किसान पहले से ही बीज खरीद लेते हैं. बोटाद जिला कपास का सबसे बड़ा बागान है. फिर किसान सरकार द्वारा अनुमोदित कपास के बीज खरीदते हैं. चूंकि सरकार द्वारा अनुमोदित बीज की कीमत 864 रुपये तय की गई है, लेकिन दो दिन पहले किसान नेताओं और किसानों ने बताया है है कि बोटाद शहर और जिले में सरकार द्वारा अनुमोदित बीजों की कमी है और बीजों की कालाबाजारी हो रही है. तो बोटाद कृषि विभाग हरकत में आया और एग्रो सेंटरों पर जांच की.
बोटाद शहर के पायद रोड पर स्थित कृषि केंद्रों पर कृषि विभाग के सहायक अधिकारी और उनकी टीम द्वारा जांच की गई. कृषि केंद्रों के गोदाम व स्टॉक रजिस्टर की जांच की गई. बीज कंपनी द्वारा माल की आपूर्ति कम है, इसलिए बीज की थोड़ी कमी है. इसके अलावा, कुछ किसान एक ही किस्म के बीज लेने पर जोर देते हैं, लेकिन कंपनी कम आपूर्ति कर रही है. सहायक कृषि निदेशक किशोर रमणा ने कहा कि सात दिनों में सभी किसानों को पर्याप्त मात्रा में कपास का बीज मिल जायेगा.