भोपाल। रूपयों का लालच देकर ग्रामीणों से बैंक खाते खुलवाकर उन खातों को साइबर ठगों को बेचने वाले दो आरोपितों को भोपाल साइबर सेल ने महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपित टेलीग्राम के जरिए साइबर ठगों के संपर्क में आया था।
उसने खातों की खरीद-फरोख्त के लिए गांवों में एजेंट बनाए थे, ये एजेंट लोगों के खाते खरीदते थे और फिर उन खातों को मुख्य आरोपित को 20 हजार रुपये में बेचते थे। आगे यही खाते आरोपित विदेश में बैठे साइबर ठग को 50 हजार रुपये में बेचता था।
भोपाल में पिछले दिनों में शेयर बाजार में निवेश के नाम पर एक करोड़ 43 लाख रुपये की साइबर ठगी हुई थी, जिसमें इन खातों से ठगी के रुपयों का लेनदेन हुआ था। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया।
एक साल से कर रहा है खातों की खरीद-फरोख्त
एसआई देवेंद्र साहू ने बताया कि 36 वर्षीय पिन्टू सुरेश नागपुर स्थित महाजन ले-आउट हुडकेश्वर में रहता है। करीब एक साल पहले वह टेलीग्राम के जरिए साइबर ठगों के संपर्क में आया था।
उसे मोटी रकम में खाते बेचने का आफर मिला तो पिंटू ने अपने जान-पहचान के लोगों को बैंक खाते खरीदने का लालच देना शुरू कर दिया।
उसका परिचित 33 वर्षीय थामस गणेश शेडमाके पिन्टू के लालच में आ गया। उसने पांच लोगों के बैंक खाते 20 हजार रुपये में पिन्टू को बेच दिए।
इसे पिन्टू ने दूसरे देश में बैठे साइबर ठग को बेचे। पुलिस को शंका है कि थामस की तरह ही पिन्टू के अन्य कई गांवों में एजेंट हैं, हालांकि फिलहाल उन दोनों की गिरफ्तारी ही हो सकी है।
लिंक पर क्लिक करवाकर पकड़ा आरोपित
आरोपित पिन्टू पुलिस की पकड़ से दूर रहने वाट्सएप का उपयोग करता है, वाट्सएप पर भी वह इंग्लैंड का मोबाइल नंबर चलाता है।
इसके चलते पुलिस को उसके पते तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। एसआई देवेंद्र साहू ने बताया कि पहले थामस से संपर्क किया।
जब उसके घर-परिवार में पिन्टू नहीं मिला तो उसे एक लिंक पर क्लिक करने का झांसा दिया, जिससे पुलिस को उसकी लोकेशन पता चली और आरोपित को गिरफ्तार किया जा सका।