औरंगाबाद: शहर के सिन्हा कॉलेज मोड़ के समीप एक निजी रिसॉर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल की 107वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई. इस दौरान उनके व्यक्तित्व और योगदान पर चर्चा की गई. कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने बीपी मंडल के राजनीतिक जीवन, सामाजिक योगदान और मंडल आयोग की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला. वक्ताओं ने कहा कि बी.पी. मंडल समाज के वंचितों और गरीबों की आवाज थे. उनके द्वारा पिछड़ों के लिए किया गया कार्य आज भी प्रासंगिक है. ऐसे महान जनता के सेवक से आज के जनप्रतिनिधियों को सीख लेनी चाहिए. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री सुरेश पासवान ने कहा कि पिछड़े वर्ग के लोगों को आरक्षण दिलाने का श्रेय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बीपी मंडल को जाता है.
उन्होंने पिछड़ों, गरीबों, नौजवानों और व्यापारियों की लड़ाई लड़ी. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व लोक अभियोजक प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि बीपी मंडल ने पूरे देश का भ्रमण कर पिछड़ी जातियों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति को समझा. इसके बाद उन्हें समाज की मुख्य धारा में जोड़ने की प्रबल सिफारिश की. वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता, स्वतंत्रता सेनानी, विधायक, सांसद, मुख्यमंत्री व मंडल कमीशन के अध्यक्ष के रूप में स्व. बीपी मंडल ने समाज व राष्ट्र की महत्वपूर्ण सेवा की.
पिछड़ों को समाज की मुख्य धारा में लाने के उद्देश्य से गठित बीपी मंडल कमीशन के अध्यक्ष के तौर पर उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया. इनकी अध्यक्षता वाली गठित मंडल कमीशन की अनुशंसा के आधार पर ही भारत सरकार ने केंद्रीय सरकारी सेवा में पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण की नीति लागू की जिसके कारण वे सदैव स्मरणीय रहेंगे. जब तक सामाजिक और आर्थिक आजादी देश को नहीं मिलेगी तब तक यह आजादी खतरे में पड़ी रहेगी. जातीय जनगणना भारत की संसद के द्वारा पहले से ही स्वीकृत है. इस दौरान समाजवादी नेता सुरेंद्र कुमार सिंह, वरीय राजद नेता बीरेंद्र कुमार सिंह, अजय यादव, विरासत बचाओ संघर्ष परिषद के अध्यक्ष सतेंद्र यादव, यूसुफ आजाद अंसारी, ई. सुबोध कुमार सिंह, कालेश्वर यादव, संतोष कुमार, वरीय अधिवक्ता जगनारायण सिंह, सुनील कुमार सहित बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.
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