रूस की अध्यक्षता में 22 से 24 अक्तूबर तक 16वां ब्रिक्स समिट होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी इस समिट में शिरकत करेंगे. लेकिन ब्राजील के राष्ट्रपति इस समिट में शिरकत नहीं कर पाएंगे. खबर है कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा ने ब्रिक्स समिट के लिए रूस का अपना दौरा रद्द कर दिया है. दरअसल सिर में इंजरी की वजह से वह माइनर ब्रेन हेमरेज से जूझ रहे हैं.
उनके राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि लूला (78) अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेंगे. वह इस घटना से पहले ब्रिक्स समिट में हिस्सा लेने के लिए रविवार शाम पांच बजे रूस के लिए रवाना होने वाले थे.
ब्राजील के राष्ट्रपति लूला के डॉक्टर रॉबर्टो कलीली ने ग्लोबोन्यूज टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा कि राष्ट्रपति गिर गए हैं, जिसकी वजह से उनके सिर के पिछले हिस्से में चोट आई है. इससे उन्हें माइनर ब्रेन हेमरेज हुआ है.
बयान में कहा गया कि ऐसे में राष्ट्रपति को पूरे हफ्ते कई टेस्ट करवाने पड़ेंगे. इस वजह से उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखना होगा. हालांकि, वह सामान्य गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं. मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, सिर में चोट लगने की वजह से उन्हें लंबी दूरी की यात्राएं नहीं करने की सलाह दी गई है.
22-24 अक्टूबर तक होगा ब्रिक्स समिट
रूस के कजान शहर में 22-23 अक्टूबर को ब्रिक्स समिट होगा. ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने वाला एक महत्वपूर्ण समूह है. मिस्त्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई इसी साल इस संगठन में शामिल हुए हैं. भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि उनका देश ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ-साथ 40 अन्य नेताओं का स्वागत करने के लिए उत्सुक है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22-23 अक्टूबर को कजान में आयोजित होने वाले 16वें BRICS समिट में भाग लेने के लिए रूस का दौरा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने एक ऑफिशियल नोटिस में कहा, ‘Strengthening Multilateralism for Just Global Development and Security’ थीम पर आयोजित होने वाला यह शिखर सम्मेलन नेताओं को अहम ग्लोबल मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक अच्छा मंच प्रदान करेगा.
2006 में बना ब्रिक्स
ब्रिक्स की स्थापना सितंबर 2006 में हुई थी और इसमें मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत और चीन (ब्रिक) शामिल थे. सितंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद इसका नाम बदलकर ‘ब्रिक्स’ कर दिया गया. ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ ब्रिक्स वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और यह वर्षों से वैश्विक आर्थिक विकास का एक प्रमुख प्रेरक रहा है.