BRICS Summit: पीएम मोदी की उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांडू से मुलाकात, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रियो डी जेनेरियो में उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांडू ओरसी और बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से कैटाकोरा के साथ बैठक की. पीएम मोदी की ओर से इसकी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई. एक पोस्ट में पीएम ने लिखा, ब्राजील में ब्रिक्स समिट के दौरान उरुग्वे के राष्ट्रपति यामांडू ओरसी से मिलकर खुशी हुई. भारत-उरुग्वे के बीच घनिष्ठ संबंध ग्लोबल साउथ के लिए बहुत अहम हैं.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत उरुग्वे के साथ संबंधों को और गहरा करने के लिए हर संभव कोशिश करने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बैठक के दौरान राष्ट्रपति यामांडू ओरसी के साथ उन्होंने व्यापार, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, प्रौद्योगिकी, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की. उरुग्वे में योग की बढ़ती लोकप्रियता लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए अद्भुत

Ads

एक अन्य पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, बोलीविया के राष्ट्रपति लुइस अल्बर्टो आर्से कैटाकोरा के साथ एक सार्थक बैठक हुई. बोलीविया लैटिन अमेरिका में एक महत्वपूर्ण साझेदार है. हाल के सालों में हमारे द्विपक्षीय संबंध और भी मजबूत हुए हैं. हमने प्राथमिकता के आधार पर व्यापार संबंधों में सुधार और विविधता लाने की जरूरत पर चर्चा की. हमने चर्चा की कि हम डिजिटल टेक्नोलॉजी, महत्वपूर्ण खनिजों, स्वास्थ्य सेवा, अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में कैसे सहयोग कर सकते हैं.

प्रधानमंत्री मोदी और बोलीविया के राष्ट्रपति की बैठक.

ये मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण विषय

प्रधानमंत्री ने कहा, बोलीविया की स्वतंत्रता के 200 साल पूरे होने के ऐतिहासिक अवसर पर अपनी शुभकामनाएं भी दीं. प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स समिट में अपने संबोधन को लेकर भी बताया. उन्होंने कहा, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ‘पर्यावरण, COP30 और वैश्विक स्वास्थ्य’ सत्र को संबोधित किया. ब्रिक्स सम्मेलन में इन विषयों पर चर्चा शुरू करने के लिए ब्राजील का आभारी हूं क्योंकि ये मानव जाति के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण विषय हैं.

ब्रिक्स समिट में बोलते प्रधानमंत्री मोदी.

वायरस वीजा लेकर नहीं आते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोरोना काल ने हमें सिखाया है कि वायरस वीजा लेकर नहीं आते, न ही पासपोर्ट के आधार पर समाधान चुने जाते हैं. इसलिए हमें अपने ग्रह को स्वस्थ बनाने के लिए अपने साझा प्रयासों को मजबूत करना होगा. हमने अपनी हेल्थ सिस्टम को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाया है. हमारे पास चिकित्सा की जीवंत पारंपरिक प्रणालियां भी हैं जो स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं.

Advertisements