Diwali 2024 Date Time: दीपावली में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है, 29 तारीख को धनतेरस है. 31 अक्टूबर को दीपावली का त्यौहार है. जिसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. बाजार में इसका माहौल भी दिखने लगा है. इन दिनों बाजार में काफी भीड़ भी उमड़ रही है. इस बार के दीपावली में लोग जमकर खरीदी भी कर रहे हैं और तरह-तरह के दुकानों से बाजार सजा हुआ है. दीपावली में माता महालक्ष्मी की पूजा का महत्व होता है. बड़े ही विधि विधान से लोग माता महालक्ष्मी की पूजा करते हैं. ऐसे में मां महालक्ष्मी को वो कौन से 6 पुष्प अर्पित करें, जिससे माता लक्ष्मी की कृपा बरसेगी और धन लाभ के योग बनेंगे.
माता महालक्ष्मी का प्रिय फूल
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ‘दीपावली का त्योहार 31 अक्टूबर को है. उस दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. जिसकी तैयारियां कई दिनों पहले से ही लोग करते हैं. जिससे माता लक्ष्मी की पूजा में किसी तरह की विघ्न बाधा ना आए और सही तरीके से माता लक्ष्मी की पूजा संपन्न हो जाए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से माता प्रसन्न होती हैं. घर में साल भर धन लाभ के योग बनते हैं. उनका आशीर्वाद बना रहता है. दीपावली की रात्रि में माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है.
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि ‘दीपावली के दिन पूजा के दौरान अगर जातक माता लक्ष्मी को 6 प्रकार के पुष्प अर्पित करता है तो उसका अलग-अलग महत्व होता है. माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है. माता लक्ष्मी को कमल का फूल, गुलाब का फूल, वैजंती का फूल, गेंदा का फूल, गुड़हल का फूल और सफेद कनेर का फूल बहुत प्रिय है.
हर फूल का अलग महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि जो ये छह प्रकार के पुष्प होते हैं, माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय हैं. दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की पूजा करते समय अगर इन 6 अलग-अलग तरह के पुष्पों को माता लक्ष्मी को अर्पित किया जाए, तो माता बहुत प्रसन्न होती हैं. उस घर में धन वर्षा करती हैं. हर फूल का अपना अलग-अलग महत्व होता है.
लाल गुलाब का फूल चढ़ा देने से वैभव मिलता है. शुक्र मजबूत होता है.
कमल का फूल चढ़ा देने से लक्ष्मी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और घर को धन-धान्य से परिपूर्ण करती हैं. पूरे वर्ष उनके घर में धन का आगमन होता है.
गेंदा का फूल चढ़ा देने से यश प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है, मान सम्मान मिलता है और पूरे समाज का उत्थान होता है.
वैजन्ती का फूल चढ़ा देने से बल और पराक्रम मिलता है. कहीं भी पराजय का सामना नहीं करना पड़ता है और आरोग्यता आती है. किसी प्रकार का आधि व्याधि रोग नहीं होता है.