ग्राम चहल में टूटी पुलिया बनी मुसीबत: चंदा इकट्ठा कर ग्रामीण बना रहे अस्थाई रास्ता, न स्कूल जा पा रहे बच्चे और न ही अस्पताल पहुंच पा रहे मरीज

भरतपुर: ग्राम पंचायत चहल की एकमात्र मुख्य सड़क पर बनी पुलिया पिछले दिनों भारी बारिश के चलते पूरी तरह टूट गई थी. उस वक्त से लेकर आज तक न कोई अधिकारी आया, न कोई जनप्रतिनिधि. ग्रामीणों ने बार-बार प्रशासन और स्थानीय विधायक को सूचना दी, लेकिन नतीजा शून्य रहा. गांव से बयाना जाने का यही एकमात्र रास्ता है, जो अब जानलेवा बन चुका है. पुलिया के टूट जाने से एंबुलेंस तक गांव नहीं पहुंच पा रही. स्कूल जाने वाले बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ी है और ज़रूरी सामान तक लाने में ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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ग्रामीण राजकुमार ने बताया कि जब प्रशासन ने कोई पहल नहीं की, तो गांव वालों ने खुद चंदा इकट्ठा कर मिट्टी और पत्थरों से रास्ता बनाने की कोशिश शुरू कर दी है. लेकिन यह अस्थायी उपाय ज्यादा दिन नहीं चल सकता. हादसे का खतरा लगातार बना हुआ है. ग्रामीण ने कहा कि हमने विधायक मैडम को कई बार बताया, लेकिन उनके पास केवल भाषणों और सोशल मीडिया के लिए समय है. गांव आना तो दूर, फोन उठाना भी मुनासिब नहीं समझा गया.

ग्रामीण थानसिंह, भगवान सिंह, परमानंद, राजकुमार, रामप्रसाद तरुण व पूरन ठेकेदार ने बताया कि बीमार लोगों को अस्पताल तक ले जाना मुश्किल हो गया है. अब अगर कोई जान चली जाए, तो जिम्मेदार कौन होगा? स्थानीय विधायक पर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं. लोगों का कहना है कि मैडम को केवल मंच और मीडिया में दिखने का शौक है, काम करने की नीयत नजर नहीं आती. गांव के लोग अब खुलकर कहने लगे हैं कि अगर जल्दी समाधान नहीं हुआ, तो अगले चुनाव में जवाब जरूर देंगे.

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