दलालों ने मरीज को पहुंचाया निजी अस्पताल, 60 की जगह 1 लाख का बिल, कलेक्टर से शिकायत

मैहर :  एक मरीज के साथ हुए धोखाधड़ी के मामले ने जिले के स्वास्थ्य तंत्र पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. कर्रा गांव निवासी महेन्द्र कोरी का 16 अप्रैल को नागौद के पास सड़क हादसा हो गया था, जिसमें उसका पैर फ्रैक्चर हो गया. परिजन उसे इलाज के लिए सतना के सरदार वल्लभभाई पटेल जिला अस्पताल लेकर पहुंचे.

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वहीं पर मौजूद कुछ दलालों ने परिजनों को बहला-फुसलाकर मरीज को भरहुत नगर स्थित एक निजी अस्पताल — सिटी हॉस्पिटल शाकुंतलम — में भर्ती करा दिया. शुरू में अस्पताल प्रशासन ने इलाज का पूरा खर्च 60 हजार रुपए बताया, जिसमें से 40 हजार रुपए एडवांस और 5 हजार रुपए पैथोलॉजी चार्ज के नाम पर वसूल लिए गए.

लेकिन जब मरीज का डिस्चार्ज हुआ, तो अस्पताल ने एक लाख रुपए का कच्चा बिल थमा दिया और शेष 60 हजार रुपए जमा करने का दबाव डाला. इस अचानक बढ़े खर्च और धोखाधड़ी से परेशान होकर परिजनों ने बुधवार को कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई.

परिजनों का आरोप है कि जिला अस्पताल में कुछ दलाल सक्रिय हैं, जो मरीजों को निजी अस्पतालों में रेफर करवाकर मोटा कमीशन लेते हैं. इनमें कुछ आशा कार्यकर्ता और एंबुलेंस चालक भी शामिल हो सकते हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और दलालों की पहचान कर जल्द कार्रवाई की जाएगी.

यह घटना न सिर्फ मरीज के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि स्वास्थ्य तंत्र में गहराई तक फैले भ्रष्टाचार की एक झलक भी है. प्रशासन की ओर से यदि कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में ऐसी घटनाएं बार-बार दोहराई जा सकती हैं.

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