इंदौर क्राइम ब्रांच ने पौने तीन करोड़ रुपए की ठगी के मामले में इंदौर के एक भाई-बहन को पकड़ा है। दोनों ने मेट्रोमोनियल साइट पर एक एनआरआई को शादी का झांसा देकर ठगी की थी। इस मामले में अभी पूछताछ की जा रही है। अमेरिका की एक कंपनी में काम करने वाले इंदौर निवासी वेंकटराव कलगा ने अप्रैल 2025 में डीसीपी राजेश त्रिपाठी से शिकायत की थी। इसके अनुसार उन्होंने भारतीय मेट्रोमोनियल साइट पर शादी के लिए लड़की पसंद की थी। उसकी आईडी बरखा जेसवानी के नाम से थी। बरखा ने उन्हें धोखे में रखते हुए करीब 2 करोड़ 68 लाख रुपए ठग लिए।
इस मामले में क्राइम ब्रांच लगातार जांच कर रही थी। आरोपियों ने वेंकटराव से अलग-अलग अकाउंट में पैसे डलवाए थे। टीम ने बैंक ट्रांजैक्शन की जानकारी निकालकर सगे भाई बहन सिमरन और विशाल जेसवानी को पकड़ा। आरोपियों ने फर्जी अकाउंट खोलने के बाद वेंकटराव को झांसे में लेकर उसके साथ ठगी की वारदात की थी। आरोपियों में से एक को इंदौर, जबकि दूसरे को अहमदाबाद से पकड़ा गया है।
लोन चुकाया, घर और कार ली
डीसीपी ने बताया कि आरोपियों ने ठगे गए रुपए से आलीशान घर, कार खरीदा और कपड़े की एक दुकान खोल ली थी। इसके साथ ही अपना पुराना लोन भी ठगी की रकम से चुकाया था। पूछताछ में दोनों ने वेंकट से ठगी करना कबूली है। अब आरोपियों से जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। आरोपी पूर्व में भी एक मामले में जेल जा चुके है।