न्यायालय ने फर्जी तरीके से साले की जगह जीजा द्वारा परीक्षा देने के मामले में आरोपित गोपाल जाट पुत्र भरतलाल जाट निवासी ग्राम पंचेड व उसके जीजा देवकरण चौधरी पुत्र शिवनारायण चौधरी निवासी ग्राम कंसेर को भादंवि की धारा 419 में दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। उन पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया। फैसला प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट जावरा हर्षिता पिपरेवार ने सुनाया
यह है पूरा मामला
सहायक मीडिया सेल प्रभारी भूपेन्द्र कुमार सांगते ने बताया कि 15 जून 2015 को शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेडा में भोज मुक्त विश्वविद्यालय की बीए प्रथम वर्ष के आधार पाठ्यक्रम विषय की परीक्षा थी।
परीक्षार्थी गोपाल जाट निवासी पंचेड को परीक्षा में शामिल होना था, किंतु गोपाल के स्थान पर उसका जीजा देवकरण चौधरी निवासी ग्राम कंसेर परीक्षा दे रहा था।
पर्यवेक्षक कालुराम परिहार द्वारा उपस्थिति पत्रक पर हस्ताक्षर कराते समय प्रवेश पत्र पर फोटो का मिलान करने पर मिलान नहीं हुआ।
इस पर केन्द्राध्यक्ष संजना चौहान ( प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल कालूखेडा) को सूचना दी गई थी।
वे परीक्षा कक्ष में पहुंची तथा चेक किया तो परीक्षार्थी गोपाल के स्थान पर उसका जीजा देवकरण उत्तर पुस्तिका में प्रश्न हल करते पाया गया था।
पूछताछ करने पर देवकरण ने बताया था कि वह गोपाल के स्थान पर परीक्षा दे रहा है।
इस पर कालूखेड़ा थाने पर गोपाल व देवकरण के खिलाफ रिपोर्ट की गई थी।
पुलिस ने दोनों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर विवेचना के बाद चालान न्यायालय में प्रस्तुत किया था।