धर्म की आड़ में हैवानियत! रीवा में ‘फलाहारी बाबा’ को मिली 27 साल की सज़ा, नाबालिग से किया था रेप

रीवा : समाज को दिशा देने वाले एक तथाकथित संत की घिनौनी करतूतों का पर्दाफाश हुआ है.रीवा जिले के त्योंथर में, विशेष न्यायाधीश डी.आर. कुमरे ने एक ढोंगी बाबा, कृष्णा तिवारी उर्फ फलाहारी महाराज को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के मामले में दोषी ठहराते हुए कुल 27 साल की कठोर कारावास की सज़ा सुनाई.इस फैसले ने समाज में ‘संत’ का चोला पहनकर पाप करने वालों के लिए एक कड़ा संदेश दिया है.

 

यह मामला तब और भी चर्चा का विषय बन गया जब पता चला कि आरोपी ने पीड़ित के माता-पिता को अपना शिष्य बनाया था.धार्मिक गुरु के रूप में उनका विश्वास जीतने के बाद, उसने उनकी ही नाबालिग बेटी का अपहरण किया और उसके साथ लगातार बलात्कार करता रहा.

 

इस जघन्य अपराध में न्याय की जीत हुई.अभियोजन पक्ष ने मजबूत दलीलें पेश करते हुए कुल 18 गवाहों को अदालत के सामने लाया, जिन्होंने आरोपी के अपराध को साबित किया. इस सफल पैरवी में विशेष लोक अभियोजक धीरज सिंह और उनके सहयोगी, सहायक लोक अभियोजक अंकुर गौतम की भूमिका सराहनीय रही.

 

न्यायाधीश ने आरोपी कृष्णा तिवारी को पॉक्सो एक्ट की धारा 5/6 के तहत 20 साल के कठोर कारावास और 5000 का जुर्माना लगाया.इसके अतिरिक्त, धारा 366 आईपीसी के तहत 7 साल का कठोर कारावास और 3000 का जुर्माना भी लगाया गया.

 

यह फैसला केवल एक अपराधी को सज़ा नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो धर्म की आड़ में मानवता को शर्मसार करते हैं.यह न्याय व्यवस्था पर लोगों के विश्वास को मजबूत करता है और दिखाता है कि अपराध चाहे कितना भी छिपा हो, अंत में सत्य की ही जीत होती है.

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