सिद्धार्थनगर: कृष्ण जन्माष्टमी की रात डीजे डांस के दौरान मामूली बहस के बाद दबंगों ने तीन युवकों को बिजली के खंभे से बांधकर घंटों तक बेल्टों से पीटा. सबसे शर्मनाक बात यह रही कि पीड़ितों में एक 15 साल का नाबालिग भी शामिल था, लेकिन न तो गांव वालों ने मदद की और न ही पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की.
कपड़े उतरवाए बिजली के खंभे से बांध दिया. फिर लाठी-डंडों से बेरहमी से पीटा. मारपीट के दौरान सोने की चेन भी छीन ली और आयुष की स्कूटी तोड़कर नाले में फेंक दी. इतना ही नहीं, पीड़ितों का आरोप है कि दबंगों ने नाबालिग समेत तीनों को जबरन मूत्र तक पिलाया. युवकों के शरीर पर गहरे चोट के निशान हैं. चीख-पुकार सुन गांव वाले भी सहम गए लेकिन किसी ने मदद करने की हिम्मत नहीं की क्योंकि आरोपियों की पहुंच पुलिस तक बताई जाती है.
डुमरियागंज के केदारनाथ कॉलोनी निवासी आयुष मिश्रा अपने दो दोस्तों – एक 15 वर्षीय किशोर और इशांत – के साथ 16 अगस्त की रात पड़िया गांव में अपने चाचा के घर जन्माष्टमी का कार्यक्रम देखने आया था.
डीजे पर डांस चल रहा था तभी गांव के ही इंद्रेश पांडेय, अनूप पांडेय, चंदन पांडेय, सचिन पांडेय और तुषार पांडेय से कहा सुनी हो गई. बात कुछ ही मिनटों में खत्म हो सकती थी लेकिन आरोप है कि दबंगों ने उसे बहाना बनाकर तीनों युवकों को पकड़ लिया.
पुलिस ने कहा- ये तो मामूली झगड़ा है
जब अगले दिन पीड़ित परिवार त्रिलोकपुर थाने पहुंचा तो थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया. उल्टा परिवार को डांटकर भगा दिया और कहा कि यह ‘मामूली झगड़ा’ है. लेकिन सवाल ये है कि क्या किसी को निर्वस्त्र कर बिजली के पोल से बांधना और मूत्र पिलाना ‘मामूली’ घटना है.
स्थिति तब बदली जब घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया. वीडियो में तीनों युवक रस्सियों से बंधे नजर आ रहे हैं. इसके बाद इलाके में पुलिस के खिलाफ गुस्सा भड़क गया और लोग कहने लगे – क्या पुलिस अब तभी सुनती है जब वीडियो दिखाया जाए.
गांव में तनाव, एसपी से लगाई गुहार
एडिशनल एसपी प्रशांत कुमार ने कहा कि वीडियो सामने आया है और आरोप गंभीर हैं, जांच के बाद कड़ी कार्रवाई होगी. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अगर वीडियो न होता तो पुलिस यह मामला हमेशा के लिए दबा देती.
फिलहाल पड़िया गांव और आसपास के इलाकों में तनाव का माहौल है. पीड़ित परिवार ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया और थाना प्रभारी पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक न्याय की गुहार लगाएंगे. ग्रामीणों ने भी त्रिलोकपुर थाना प्रभारी के निलंबन की मांग की है.