बीजेपी मेयर प्रत्याशी की जाति को लेकर उठा मामला छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट तक पहुंचा था. अर्जेंट हियरिंग में लगने के कारण मामले की सुनवाई बुधवार 5 फरवरी को हुई. याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा था कि उसके द्बारा भाजपा की महापौर की प्रत्याशी एल पदमजा विधानी के दस्तावेज आर ओ से मांगे गए. लेकिन उसको दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया. इसलिए अब हाइकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई है. इससे पहले कांग्रेस ने बीजेपी मेयर प्रत्याशी की जाति को लेकर सवाल खड़ी किए थे. वहीं जस्टिस बीडी गुरु की बेंच में इस मामले की सुनवाई हुई. लेकिन याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली.
क्या था मामला?
इस मामले की शिकायत निर्वाचन आयोग तक की गई थी. हालांकि कांग्रेस के इस शिकायत को जिला निर्वाचन आयोग ने निरस्त कर दिया था. इस पूरे मामले को लेकर बहुजन समाज पार्टी की तरफ से मेयर प्रत्याशी आकाश मौर्य ने आपत्ति दर्ज की थी. दरअसल पूजा विधानी को बिलासपुर से भाजपा उम्मीदवार घोषित किए जाने और नामांकन दाखिल होने के बाद से जाति प्रमाण पत्र पर कांग्रेस ने सवाल उठाया था. कांग्रेस ने इस मामले में उनके जाति प्रमाण पत्र को आंध्रप्रदेश का बताते हुए छत्तीसगढ़ में मान्य नहीं होने की बात कही थी. इस संबंध में निर्वाचन आयोग के समक्ष आपत्ति की गई थी. जिला निर्वाचन आयोग ने आपत्ति को निरस्त किया था.
फिर इस पूरे मामले को लेकर याचिकाकर्ता और बहुजन समाज पार्टी की तरफ से मेयर प्रत्याशी आकाश मौर्य ने अधिवक्ता लवकुश साहू के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका लगाई, जिसके अर्जेंट हियरिंग के लिए भी अपील की गई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार याचिका में गलत प्रतिवादी बनाने की वजह से याचिका वापस हुई. रिटर्निंग ऑफिसर की जगह इलेक्शन ऑफिसर को बनाया था प्रतिवादी. विड्रॉल विथ लिबर्टी के तहत याचिका वापस ली गई. समान आधार पर फिर से लगाई जा सकती है याचिका.