बहुजन समाज पार्टी ने बिहार विधानसभआ चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान किया है. बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और दो दिनों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठकों के बाद अपने संगठनात्मक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार कर ली है.
सोशल साइस एक्स पर एक पोस्ट में, मायावती ने कहा, “वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ उम्मीदवारों के चयन और अगले कुछ महीनों में होने वाले चुनावों की समग्र तैयारियों पर चर्चा हुई.” उन्होंने कहा कि अगले महीने की शुरुआत में शुरू होने वाली पार्टी यात्राओं और जनसभाओं जैसे कार्यक्रम उनकी प्रत्यक्ष देखरेख में आयोजित किए जाएंगे.
इन पहलों की विशेष ज़िम्मेदारी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद, राज्यसभा सांसद रामजी गौतम और पार्टी की बिहार इकाई को दी गई है. उन्होंने आगे कहा, “राज्य को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, और वरिष्ठ नेताओं को प्रत्येक का अलग-अलग प्रभार सौंपा गया है.”
मायावती ने बैठक के बाद किया ऐलान
मायावती ने 2 मार्च को अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उनके सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगने के बाद, उन्होंने अप्रैल में उन्हें वापस ले लिया और एक महीने बाद उन्हें पार्टी का मुख्य राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त कर दिया. बसपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी पदाधिकारियों को कमियों को दूर करने और बिहार में बेहतर परिणाम देने के लिए पूरी लगन से काम करने के निर्देश दिए गए हैं.
बिहार में पार्टी की तैयारियों और राज्य में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात और चुनावी समीकरणों का हवाला देते हुए, बसपा नेताओं ने बैठक में पार्टी प्रमुख को आश्वासन दिया कि आगामी चुनावों में पार्टी बेहतर परिणाम लाएगी.
पोलिंग बूथ पर कमेटियों का गठन
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उड़ीसा और तेलंगाना राज्य में भी पार्टी संगठन की तैयारियों व वहां भी यूपी के पैटर्न पर जिला से लेकर पोलिंग बूथ स्तर तक कमेटियों के गठन के साथ-साथ पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के मिशनरी कार्यों के लिये दिये गये टारगेट की भी समीक्षा बैठक पार्टी प्रमुख द्वारा स्वंय अलग-अलग से ली गयी.