अहमदाबाद प्रशासन ने सुबह-सुबह अतिक्रमण के खिलाफ शुरू किए अभियान में अवैध निर्माण को ढहा दिया. अहमदाबाद नगर निगम और पुलिस की ओर से शुरू की ड्राइव में अवैध निर्माण के खिलाफ प्रशासन 50 बुलडोजर लेकर पहुंचा. इसके साथ ही चंडोला तालाब पर बने अवैध निर्माण को हटाने की भी प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस दौरान मौके पर भारी पुलिस बल को तैनात किया गया है. एएनएमसी की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गए हैं.
बताया जा रहा है कि लल्लू बिहारी ने तालाब पर अवैध निर्माण कर आलीशान फार्म हाउस बना कर खड़े किए थे, जहां पर अवैध रूप से आने वाले बांग्लादेशियों को संरक्षण दिया जाता था. तीन दिन पहले यहीं से 1 हज़ार से ज्यादा संदिग्ध अवैध घुसपैठियों को पकड़ा गया था. अब इस पूरे अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के लिए प्रशासन और नगर निगम की टीम ने 50 से ज्यादा बुलडोजर तैनात किए थे.
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat: Amdavad Municipal Corporation (AMC) demolishes illegal settlements near Chandola lake.
Sharad Singhal, Joint CP (Crime), says "There was a Siyasatnagar Bangal Vaas where a majority of Bangladeshis used to stay…AMC conducted a survey in which it was… pic.twitter.com/q2roaPhuPY
— ANI (@ANI) April 29, 2025
इससे पहले सोमवार को पुलिस महानिदेशक विकास सहाय ने बताया कि पुलिस द्वारा चलाए गए अभियान के तहत अब तक करीब 450 बांग्लादेशी नागरिक गुजरात में अवैध रूप से रह रहे पाए गए हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने करीब 6,500 अवैध लोगों को हिरासत में लिया है, जिनके बारे में संदेह है कि वे पड़ोसी देश के नागरिक हैं.
‘दो हजार पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हुई कार्रवाई’
डिमोलिशन ड्राइव के बारे में जानकारी देते हुए ज्वाइंट सीपी (क्राइम) शरद सिंघल ने बताया, ‘सियासतनगर बंगाल वास था, जहां अधिकांश बांग्लादेशी रहते थे… एएमसी ने एक सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि अवैध निर्माण किया गया था. ध्वस्तीकरण अभियान चल रहा है. कुल 50 जेसीबी यहां काम कर रही हैं और लगभग 2,000 पुलिसकर्मी यहां तैनात हैं.’
उन्होंने बताया कि साल 2009 में भी यहां कार्रवाई की गई थी, लेकिन बाद में धीरे-धीरे इन लोगों ने तालाब पर मिट्टी डालकर अपने घर बना लिए थे. बीते दिनों अहमदाबाद नगर निगम ने सर्वे किया था, जिसके बाद ये कार्रवाई की जा रही है.
हाईकोर्ट पहुंचे स्थानीय लोग
वहीं, अहमदाबाद नगर निगम की इस कार्रवाई के खिलाफ स्थानीय लोग गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गए हैं. स्थानीय लोगों ने तुरंत सुनवाई की मांग करते हुए नगर निगम की कार्रवाई को चुनौती दी है. इस मामले पर हाईकोर्ट में सुबह 11 बजे सुनवाई होगी.
‘6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हिरासत में’
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहाय ने कहा कि अहमदाबाद और सूरत में बड़े सर्च ऑपरेशन के बाद पूरे राज्य में इसी तरह के अभियान चलाए गए, जिसमें लगभग 6,500 संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को हिरासत में लिया गया और उनकी पहचान सत्यापित की गई.
उन्होंने बताया, ‘अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद गुजरात के सभी जिलों और पुलिस आयुक्तालयों को यह कार्य (बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करने का) करने को कहा गया. मेरे पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हमने करीब 6,500 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की है.’
आईपीएस अधिकारी ने कहा, ‘अभी तक दस्तावेजी सबूतों के आधार पर करीब 450 बांग्लादेशी नागरिकों के यहां (गुजरात में) अवैध रूप से रहने की पुष्टि हो चुकी है. बाकी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ जारी है. हमें लगता है कि हम बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशियों की पहचान स्थापित करने में सफल होंगे.’
उन्होंने कहा कि एक बार बांग्लादेशी नागरिक के रूप में उनकी पहचान स्थापित हो जाने पर, केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के समन्वय से उनके निर्वासन के लिए कदम उठाए जाएंगे.
अहमदाबाद और सूरत में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जाने के बाद हिरासत में लिए गए 1,000 से ज़्यादा संदिग्ध बांग्लादेशियों से पूछताछ की जा रही है। सहाय ने बताया कि उनके निर्वासन के लिए कदम उठाने से पहले उनकी राष्ट्रीय पहचान स्थापित करने के लिए दस्तावेजी और तकनीकी सबूत जुटाए जा रहे हैं.