मेरठ में बुलडोजर चला, मछली विवाद वाली जगह पर अवैध अतिक्रमण हटाया गया

मेरठ के सलावा गांव में उस जगह पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण हटाया, जहां कुछ दिन पहले मछली पकड़ने को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच टकराव हुआ था। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके। प्रशासन का कहना है कि विवादित जगह पर लंबे समय से अवैध कब्जा था, जिसे हटाना जरूरी था।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले इसी स्थान पर मछली पकड़ने को लेकर दोनों समुदायों के लोगों में झगड़ा हो गया था। मामला इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से मारपीट और पथराव हुआ। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था।

प्रशासन ने स्थिति को सामान्य करने और विवाद की जड़ माने जा रहे अवैध कब्जे को हटाने का निर्णय लिया। सुबह-सुबह जेसीबी मशीनें लेकर टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। अवैध रूप से बनी कुछ झोपड़ियां, टीन शेड और बाउंड्री वॉल को तोड़ा गया।

इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों को समझाने की भी कोशिश की गई कि यह कदम शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ है।

ग्रामीणों में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे सही कदम बताया तो कुछ ने विरोध भी किया। हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और क्षेत्र में शांति भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

फिलहाल गांव में स्थिति शांत बताई जा रही है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है। प्रशासन का दावा है कि अब क्षेत्र में किसी तरह का विवाद दोबारा न हो, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।

मेरठ के सलावा गांव में उस जगह पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण हटाया, जहां कुछ दिन पहले मछली पकड़ने को लेकर हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच टकराव हुआ था। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो सके। प्रशासन का कहना है कि विवादित जगह पर लंबे समय से अवैध कब्जा था, जिसे हटाना जरूरी था।

गौरतलब है कि कुछ दिन पहले इसी स्थान पर मछली पकड़ने को लेकर दोनों समुदायों के लोगों में झगड़ा हो गया था। मामला इतना बढ़ा कि दोनों तरफ से मारपीट और पथराव हुआ। पुलिस को हालात काबू में करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था।

प्रशासन ने स्थिति को सामान्य करने और विवाद की जड़ माने जा रहे अवैध कब्जे को हटाने का निर्णय लिया। सुबह-सुबह जेसीबी मशीनें लेकर टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। अवैध रूप से बनी कुछ झोपड़ियां, टीन शेड और बाउंड्री वॉल को तोड़ा गया।

इस दौरान मौके पर मौजूद लोगों को समझाने की भी कोशिश की गई कि यह कदम शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है। स्थानीय पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई किसी समुदाय विशेष के खिलाफ नहीं, बल्कि अवैध अतिक्रमण के खिलाफ है।

ग्रामीणों में प्रशासन की कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोगों ने इसे सही कदम बताया तो कुछ ने विरोध भी किया। हालांकि, पुलिस और प्रशासन ने साफ कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और क्षेत्र में शांति भंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।

फिलहाल गांव में स्थिति शांत बताई जा रही है और पुलिस लगातार गश्त कर रही है। प्रशासन का दावा है कि अब क्षेत्र में किसी तरह का विवाद दोबारा न हो, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है।

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