रामपुर में में आजम खान के रिजॉर्ट की बाहरी दीवार तोड़ने के बाद परिसर में बने एक भवन को भी तोड़ा गया. इसके अतिरिक्त हमसफर रिजॉर्ट की बाउंड्री के अंतर्गत ओवरहेड वॉटर टैंक को लेकर भी कार्रवाई की गई.सपा नेता आजम खान का पसियापुरा शुमाली स्थित हमसफर रिजॉर्ट है. इस मामले में शहर विधायक आकाश सक्सेना की शिकायत के बाद जिला प्रशासन की तरफ से ही तहसीलदार सदर की कोर्ट में वाद दायर किया गया था.
वाद में कहा गया था कि रिसोर्ट में खाद के गड्ढों की 0.038 हैक्टेयर जमीन है. इसकी गाटा संख्या 164 है. कोर्ट के आदेश पर पैमाइश हुई. इसमें सामने आया कि यहां खाद के गड्ढों की जमीन.है. तहसीलदार कोर्ट ने जमीन से अवैध कब्जा खाली कराने के साथ ही क्षतिपूर्ति भी वसूलने के आदेश दिए. इसके बाद भी कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी थी.
दो दिन पूर्व शहर विधायक आकाश सक्सेना ने एसडीएम मोनिका सिंह को पत्र भेज कर कारवाई की मांग की थी. माना जा रहा है कि भाजपा नेता और शहर विधायक आकाश सक्सेना के चेताने के बाद प्रशासन ने यह कार्रवाई की है. इस मामले पर जिलाधिकारी जोगेंद्र सिंह ने बताया कि तहसील सदर का एक गांव है पसियापुर. इसके गाटा संख्य 164, जिसका रकबा 0.0380 हेक्टेयर है और इसकी जो नवाईयत थी. वह खाद के गड्ढे हैं. इस पर हमसफर रिजॉर्ट का कुछ कब्जा था.
जमीन पर बाउंड्री वॉल बनी हुई थी. उसी में एक जल परियोजना भी बनी हुई थी. उसी को आज कब्जा मुक्त कराया गया है. यह धारा 67 जो तहसीलदार का कोर्ट होता है. उसमें बेदखली का एक वाद दायर था ऑर्डर हुआ था. इसका 22 फरवरी 2021 को अनुपालन कराया. 2022 में इनके द्वारा कब्जे को माना गया था. क्षतिपूर्ति की जो धनराशि होती है, उसके रूप पर 5 लाख 32 हजार रुपये इन्होंने जमा भी कराए थे.
यह पूछे जाने पर कि कब्जा मुक्त कार्रवाई में कुछ लेट हुई, इसके पीछे क्या वजह रही? इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि देखिए मेरे संज्ञान में तो अभी यह मामला आया है, तो हम लोगों ने इसको कप्तान से फोर्स लेकर वार्ता करके इसको तत्काल कब्जा मुक्त कराया है. जैसा आप लोगों को जानकारी है जनपद रामपुर में जितने भी हमारे सरकारी चक मार्क हैं या जितने भी खाद के गड्ढे हैं. उसका अभियान भी हम लोगों ने छेड़ा हुआ है.
यह पूछे जाने पर की तकरीबन आजम खान के रिसोर्ट में कितनी जमीन थी. इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि इसको अगर हम स्क्वायर मीटर में देखें तो यह 380 स्क्वायर मीटर है, तो मोटा-मोटा 450 गज हो गई. इसमें जल निगम की एक जल परियोजना भी थी. वैसे यह ग्रामीणों के लिए थी, ताकि उनको पानी की व्यवस्था कराई जा सके. क्योंकि यह परिसर के अंदर थी तो इस तरह से इसका संचालन नहीं हो पा रहा था. अब हम इसको ग्राम पंचायत को स्थानांतरित करेंगे, तो लगभग 400 या 500 कनेक्शन दे पाएंगे.