कच्ची शराब बनाने वाले के घर पर चला बुलडोजर, बिलासपुर में 6 कोचियों पर भी होगी कार्रवाई

बिलासपुर में जहरीली शराब से हुई 9 लोगों की मौत के बाद अब जिला और पुलिस प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाया है। जिस घर में शराब बनाकर बेची जा रही थी, उस घर को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया गया है। प्रशासन का दावा है कि यहां 6 कोचिए हैं, जिनके खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। पूरा मामला कोनी थाना क्षेत्र के घुटकू का है।

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दरअसल, 20 दिन पहले कोनी थाना क्षेत्र के ग्राम लोफंदी में शराब पीने से एक सप्ताह के भीतर 9 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें जहरीली शराब पीने से मौत की बात सामने आई। जिम्मेदार अधिकारियों ने मौतों के अलग-अलग कारण बताए, जिसमें फूड प्वाइजनिंग भी बताया गया। वहीं, कांग्रेस की जांच टीम भी गांव पहुंची और नेताओं ने कहा कि, बीजेपी औ र प्रशासन गुमराह कर रहा है।

 

कांग्रेस की जांच टीम को मृतकों के परिजनों ने भी बताया कि उनकी मौत शराब पीने से हुई है। वहीं, यह भी पता चला था कि पड़ोसी गांव घुटकू से शराब की सप्लाई होती थी। लोफंदी के जिस कोमल लहरे की मौत हुई, वह घुटकू से शराब लेकर आता था।

 

वह 21 जनवरी को शराब बेचने के मामले में ही जेल गया था और उसके साथ घुटकू की बंदे लोनिया को भी जेल भेजा गया था। लोफंदी में हुई मौतों को लेकर प्रशासन ने अलग-अलग कारण बताए लेकिन 20 दिनों बाद घुटकू में कोचिया के घर पर धावा बोल दिया। वहीं अब बाकी कोचियों के खिलाफ भी कार्रवाई का दावा किया जा रहा है।

महुआ शराब का हॉट-स्पॉट बना घुटकू

घुटकू गांव अवैध शराब का हॉट-स्पॉट बन चुका है। यहां एक ऐसी शराब फैक्ट्री का पता प्रशासन को चला जिसे केदार लोनिया नामक कोचिया अवैध रूप से बनाए गए मकान पर चलाता था। पक्का मकान सरकारी जमीन पर बनाया गया था।

इस मकान पर आबकारी और पुलिस की टीम कई बार छापेमारी कर चुकी है। बार-बार कार्रवाई के बाद भी कोचिया शराब बनाने से बाज नहीं आ रहा था, जिस पर एसपी रजनेश सिंह ने कलेक्टर अवनीश शरण को सख्त कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा था। जिसके बाद सोमवार को प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मकान को बुलडोजर से तोड़ दिया। वहीं उसकी फैक्ट्री को जमींदोज कर दिया।

सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाया था मकान

बताया जा रहा है कि शराब कोचिया केदार लोनिया ने तीन-चार साल पहले गांव के सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर कब्जा कर पक्का मकान बना लिया था। इस मकान का उपयोग वह अवैध शराब बनाने के लिए करता था और आस-पास के गांवों में शराब भी बेचा करता था।

इस जगह पर अवैध रूप से लोगों को शराब भी पिलाया करता था। कलेक्टर के निर्देश पर सोमवार को तहसीलदार श्रद्धा सिंह के नेतृत्व में राजस्व और पुलिस की टीम ने गांव पहुंचकर कब्जा को बुलडोजर से ढहा दिया। बता दें कि केदार लोनिया के खिलाफ आबकारी एक्ट सहित 4 अपराध दर्ज हैं। इस केस में अभी वो जेल में है।

पहली बार राजस्व टीम ने की बड़ी कार्रवाई

 

शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ जिले में यह पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। इसमें राजस्व विभाग की टीम ने भी हिस्सा लिया। तहसीलदार श्रद्धा सिंह के साथ कोनी थाना प्रभारी नवीन देवांगन, राजस्व निरीक्षक होमेश्वर प्रताप सिंह, पटवारी सूर्य प्रकाश शुक्ला, अमित तिर्की और कोटवार के साथ पुलिस बल मौजूद रहा।

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