नकटी गांव पर बुलडोजर नहीं चलेगा: बृजमोहन बोले- पहले भी रोका था, अब भी किसी का घर नहीं टूटने देंगे..

रायपुर का नकटी गांव जिसे तोड़कर विधायक कॉलोनी बनाई जानी है, वह अब नहीं टूटेगी। सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दावा किया कि उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को बुलाकर कहा है कि गांव को हटाया न जाए। बृजमोहन अग्रवाल ने यह भी कहा है कि विधायक कॉलोनी बिना किसी को हटाए भी बनाई जा सकती है।

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बृजमोहन अग्रवाल ने कहा लगभग 7 साल पहले भी इश्यू आया था और उस समय मैंने उस गांव को उजड़ने से बचाया था। मुझसे एक-दो दिन पहले उस गांव के लोग आकर मिले थे तो मैंने उन लोगों को इस बात का विश्वास दिया है कि आपके घर नहीं तोड़े जाएंगे।

सांसद ने कहा कि मैंने अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि वहां से किसी को हटाया न जाए। मेरी जानकारी में 15 घर प्रधानमंत्री आवास में बने हुए हैं और इसलिए किसी को भी बेघर नहीं किया जाएगा, किसी का घर तोड़ा नहीं जाएगा। अधिकारियों से मेरी चर्चा हो गई है।

विधायक कॉलोनी का प्रस्ताव है और उसके लिए वर्तमान में 17 एकड़ जगह उपलब्ध है तो उसके लिए बिना किसी को उजाड़े भी विधायक कॉलोनी बनाई जा सकती है।

नकटी गांव में कच्चे-पक्के मिलाकर करीब 80 घर

नकटी गांव में कच्चे और पक्के मिलाकर करीब 80 घर बने हैं। इन घरों में साहू, यादव और सतनामी समुदाय के करीब 300 लोग लोग रहते हैं। ये लोग खेती किसानी और मजदूरी करते हैं। साथ ही बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन अभी महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं।

धरने पर बैठी महिलाओं और PM आवास से बनाए गए घरों के मालिकों से बातचीत की। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिला कमला यादव कहती हैं कि उनके सीने पर चाहे बुलडोजर चल जाए, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं देंगी।

15 मकान बन चुके, 25 स्वीकृत हैं- सरपंच

नकटी गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव ने बताया कि गांव में 25 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से अब तक 15 ही बन पाए हैं। बाकी का काम चल रहा है। प्रशासन ने पूरे गांव को खाली करने और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने का नोटिस दिया है।

ग्रामीणों को भेजे नोटिस में क्या लिखा है ?

नोटिस में लिखा है कि ग्राम नकटी, पटवारी हल्का नंबर 77,अतिक्रमित भूमि खसरा नंबर 460, रकबा 15.4790 हेक्टेयर पर ग्राम पंचायत नकटी के निवासियों ने कब्जा किया है। 11 अप्रैल 2025 को इस भूमि से अतिक्रमणकर्ताओं के बेदखली का आदेश भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत पारित किया गया है।

स्वयं भूमि से कब्जा हटाकर न्यायालय काे 28 अप्रैल को सूचित करें, नहीं तो कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से ग्रामीणों के बवाल की वजह से अब तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। ये नोटिस गांव के 85 परिवारों को दिया गया है। 300 से ज्यादा लोग इनमें रहते हैं।

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