रजवाहे पर फिर चला बुलडोजर: सैफई में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हटाया गया व्यापक अतिक्रमण, आवागमन प्रभावित

Uttar Pradesh: सैफई झाल से बनामई गाँव तक फैले लगभग 16 किलोमीटर लंबे पक्के रजवाहे से अतिक्रमण हटाने का अभियान  को एक बार फिर तेज़ी से आगे बढ़ा. सिंचाई विभाग की टीम ने भारी पुलिस बल की उपस्थिति में कस्बे के जसवंतनगर रोड क्षेत्र में रजवाहे पर अवैध रूप से निर्मित कई पुलियाओं को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया. इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए एक प्लाटून पीएसी के साथ-साथ सैफई थाना प्रभारी राकेश शर्मा और बसरेहर थाने का पूरा बल तैनात रहा, जिससे किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके.

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सुबह शुरू हुई इस कार्रवाई का आरंभ राजेश यादव के आवास के सामने बनी एक पुलिया को हटाने से हुआ. इसके बाद सिंचाई विभाग की टीम ने बीच-बीच में लगभग एक दर्जन अन्य अवैध पुलियाओं को भी निशाना बनाया और उन्हें तोड़ दिया. वहीं, सुघर सिंह के आवास के सामने बनी एक पुलिया की स्थिति की जांच कर आगे की कार्रवाई करने की बात कही गई है. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों द्वारा अतिक्रमण हटाने का विरोध भी किया गया, लेकिन पुलिस बल की मुस्तैदी और भारी संख्या में मौजूदगी के कारण यह कार्रवाई बिना किसी बड़ी रुकावट या झड़प के सफलतापूर्वक पूरी की गई.

स्थानीय लोगों की परेशानी और वैकल्पिक मार्गों की आवश्यकता
अतिक्रमण हटने से स्थानीय निवासियों को अब भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। कई निवासियों ने बताया कि रजवाहे पर बनी ये पुलियाएँ ही उनके लिए मुख्य रास्ते का काम करती थीं। इन पुलियाओं के टूट जाने से बच्चों का स्कूल जाना, बीमार लोगों को अस्पताल ले जाना और दैनिक ज़रूरतों के लिए बाज़ार या अन्य स्थानों पर आना-जाना बेहद कठिन हो गया है। लोगों का कहना है कि प्रशासन और सिंचाई विभाग को इस कार्रवाई को अंजाम देने से पहले वैकल्पिक मार्गों की उचित व्यवस्था करनी चाहिए थी, ताकि आम जनता को इस तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. उनकी मांग है कि जल्द से जल्द अस्थाई या स्थाई वैकल्पिक रास्तों का निर्माण किया जाए.

पहले भी हुई थी कार्रवाई, विभागीय ढिलाई पर उठे सवाल
यह पहली बार नहीं है जब रजवाहे से अतिक्रमण हटाने की मुहिम चलाई गई हो. इससे ठीक पहले शुक्रवार को भी सिंचाई विभाग ने रजवाहे पर बनी अवैध पुलियाओं और बाउंड्री वॉल को बुलडोजर से ढहा दिया था. उस समय भी बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर एकत्र हो गए थे और कुछ स्थानों पर विभागीय टीम और ग्रामीणों के बीच हल्की नोकझोंक की स्थिति उत्पन्न हुई थी। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि पिछले 20 वर्षों से रजवाहे पर धीरे-धीरे अतिक्रमण होता रहा, लेकिन विभागीय स्तर पर इसे रोकने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया. इस लंबी अवधि में अतिक्रमण बढ़ता रहा, जिसके कारण अब बड़े पैमाने पर कार्रवाई करनी पड़ रही है.

सिंचाई विभाग का पक्ष और कार्रवाई का औचित्य
सिंचाई विभाग के अवर अभियंता नरेंद्र कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि कार्रवाई से लगभग एक सप्ताह पूर्व ही मुनादी कराकर सभी अतिक्रमणकारियों को सूचित कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि रजवाहे पर हुए इस व्यापक अतिक्रमण के कारण पिछले कई वर्षों से सफाई कार्य बाधित हो रहा था. इसके चलते रजवाहे से खेतों तक सिंचाई का पानी भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुँच पा रहा था, जिससे किसानों को लगातार नुकसान हो रहा था. किसानों को इस नुकसान से बचाने और सिंचाई व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए यह अतिक्रमण हटाना अत्यंत आवश्यक हो गया था. विभाग का मानना है कि यह कार्रवाई किसानों के हित में और जल संसाधनों के उचित प्रबंधन के लिए अनिवार्य थी.

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