गरियाबंद: जिला पंचायत गरियाबंद में अफसरशाही और नियमों की धज्जियां उड़ाने का मामला सामने आया है. तृतीय श्रेणी अराजपत्रित अधिकारी के.एस. नागेश को नियमों के विपरीत उप संचालक पंचायत का प्रशासनिक प्रभारी और जनपद पंचायत गरियाबंद का संपूर्ण प्रभार सौंप दिया गया है. वित्त विभाग के स्पष्ट निर्देश हैं कि केवल राजपत्रित अधिकारी ही कार्यालय प्रमुख और आहरण संवितरण अधिकारी हो सकते हैं, लेकिन यहां नियमों को ताक पर रखकर जिम्मेदारी तृतीय श्रेणी अधिकारी को दी गई.
इस पूरे प्रकरण को लेकर जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत के आधार पर पंचायत संचालनालय रायपुर ने 28 जुलाई को नोटिस जारी करते हुए जांच कर प्रतिवेदन भेजने के निर्देश दिए थे. लेकिन हैरानी की बात यह है कि एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जांच प्रतिवेदन अब तक रायपुर नहीं भेजा गया. ऐसे में पूरे मामले पर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर कार्रवाई में देरी क्यों की जा रही है.
जब इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुझे मामले की जानकारी है, संचालक का आदेश देखना पड़ेगा. अब देखना होगा कि प्रशासनिक लापरवाही और अफसरशाही के इस खेल पर शासन कब तक कार्रवाई करता है.