जसवन्तनगर/इटावा : क्षेत्र में दीपावली के त्योहार पर वायु गुणवत्ता सूचकांक में हुई वृद्धि अस्वस्थ्य लोगों को परेशान करने लगा है. क्षेत्र में सैकड़ों किसानों द्वारा पराली जलाई जा रही है इसके साथ ही कचौरा बाईपास पर नगर पालिका द्वारा जगह-जगह कूड़े के ढेर लगा दिए गए हैं.
सुलगते कूड़े के ढेर भी आसपास के वातवरण को प्रदूषित करने में आग में घी डालने का काम कर रहे हैं.नगर क्षेत्र की साफ सफाई के बाद एकत्रित किए गए कूड़े के ढेरों का निस्तारण कराने के लिए इन्हें कचौरा घाट बाईपास पर डाल कर आग के हवाले कर दिया जाता है. नगर के आसपास के क्षेत्रों में भी इस तरह जलते कूडे ढेर देखे जा सकते हैं.
वहीँ नगर क्षेत्र में मोहल्ला फक्कड़ पुरा, कसाई मोहल्ले से सिसहाट गाँव को जाने वाले मार्ग के किनारे कूड़े के ढेर लगे हुए हैं.लोगों का कहना है कि,कूड़े सुलगते कूड़े करकट को सड़क के किनारे डाला जा रहा है.दिन हो या रात में ही मौका लगने पर इन कूड़े के ढेरों में लोगों द्वारा आग लगा दी जाती है.जिससे अक्सर यह कूड़े के ढेर सुलगते रहते हैं.
और वातावरण को प्रदूषित करते हैं.इन दिनों दीपावली की वजह से वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़ा हुआ है जो 250 तक पहुँच चुका है.ऐसे में इनसे उठता धुआं.सुलगते कूड़े के ढेरों से आसपास के लोगों को परेशानी होने लगी है.अस्वस्थ,सांस और बुजुर्ग लोगों का तो इन सुलगते ढेरों वजह से घरों से निकल कर सुबह टहलने जाने वाले लोगों का जीना भी दूभर हो गया है.क्षेत्रीय लोगों ने प्रशासन से आबादी के आसपास साफ सफाई रखने, समय से कूड़े के ढेरों को हटवाने की मांग की है.
एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के ये हैं आदेश
कचरे में आग लगाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है.कचरे को नियमित रूप से अलग-अलग करना आवश्यक है.कचरे को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है.कचरे को जलाने के बजाय रिसाइकल या कम्पोस्ट करना आवश्यक है.कचरे के निपटान के लिए सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करना आवश्यक है.कचरे के निपटान के लिए नियमित रूप से निरीक्षण और मॉनिटरिंग करना आवश्यक है.कचरे के निपटान के लिए सार्वजनिक सहभागिता और जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है.
बना मेटरियल रिकवरी फेसिलटी सेंटर
नगर में निकलने वाले कूड़े कचरे के निस्तारण के लिए नगर के बाहर छिमारा रोड पर हरकूपुरा और प्रतापपुरा गाँव के पास क्षेत्र में मेटरियल रिकवरी फेसिलटी सेंटर बनाया गया है.जहां कूड़े को अलग अलग करके निस्तारण करने की व्यवस्था की गई है.सेंटर में मशीन भी लगाई गई है.जिससे वैज्ञानिक तरीके से कूड़े का निस्तारण किया जा सके.सरकार के आदेश है कि कूड़े कचरे को एमआरएफ सेंटर तक पहुंचाकर निस्तारण किया जाए.लेकिन नहीं किया जाता है.