लखनऊ-बलिया राजमार्ग पर झाड़ियों का कब्जा, प्रशासन बेखबर

सुल्तानपुर : गोसाईंगंज से मोतिगरपुर तक लखनऊ-बलिया राजमार्ग के दोनों किनारों पर उगी झाड़ियों ने लगभग एक मीटर तक सड़क को घेर लिया है. सड़क का बड़ा भाग ढक जाने से आवागमन प्रभावित हो रहा है और दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बढ़ रही है.

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यह मार्ग पूर्वांचल को राजधानी लखनऊ से जोड़ने वाला प्रमुख मार्ग है जिस पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में ट्रक, बसें, निजी गाड़ियां और स्कूल वाहन गुजरते हैं.किनारों पर फैली झाड़ियों के कारण सड़क संकरी हो चुकी है। बड़े वाहनों को निकालने में कठिनाई होती है और ओवरटेक करते समय टकराव की स्थिति बन जाती है. कई बार जाम की समस्या भी उत्पन्न होती है, जिससे यात्रियों को लंबे समय तक परेशानी झेलनी पड़ती है.

 

सड़क की पटरियों पर भी झाड़ियों ने पूरी तरह कब्जा जमा लिया है। जहां कभी पैदल चलने वालों और साइकिल सवारों के लिए सुरक्षित रास्ता था, वह अब पूरी तरह झाड़ियों से ढका हुआ है। पटरियों के अतिक्रमण के कारण पैदल यात्रियों को मजबूरी में मुख्य सड़क पर चलना पड़ता है, जिससे उनका हादसों में फंसने का खतरा और बढ़ गया है. बरसात के दिनों में झाड़ियां और अधिक फैल जाती हैं, जिससे पटरियों की पहचान तक मिट जाती है. अंधेरे में झाड़ियों के कारण सड़क का दृश्य साफ दिखाई नहीं देता.

अचानक सामने से आने वाला वाहन खतरे की स्थिति पैदा कर देता है. दोपहिया और छोटे वाहनों के लिए यह स्थिति सबसे ज्यादा जोखिमपूर्ण साबित हो रही है. बरसात के मौसम में समस्या और विकराल हो जाती है, क्योंकि झाड़ियां तेजी से फैलकर सड़क को और अधिक संकरा कर देती हैं। सड़क किनारे लगाए गए संकेतक और साइनबोर्ड झाड़ियों में पूरी तरह छिप गए हैं.

 

कई स्थानों पर चेतावनी और दिशा सूचक बोर्ड बिल्कुल दिखाई नहीं देते. जिसके कारण वाहन चालकों को आवश्यक जानकारी नहीं मिल पाती और सड़क सुरक्षा प्रभावित होती है. राजमार्गों पर लगे सभी संकेतक साफ-साफ दिखने चाहिए, लेकिन वर्तमान स्थिति में यह मूलभूत शर्त पूरी नही हो रही है. राजमार्ग की नियमित सफाई और झाड़ियों की कटाई-छंटाई लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है.

लंबे समय से यह कार्य न होने के कारण सड़क की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई है. इससे न केवल मार्ग की चौड़ाई प्रभावित हुई है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ गई है। पटरियों पर कब्जा जमाए झाड़ियां पैदल यात्रियों और साइकिल सवारों को सबसे अधिक संकट में डाल रही हैं.

 

यदि झाड़ियों को समय पर नहीं हटाया गया तो सड़क का और बड़ा हिस्सा ढक सकता है। मोड़ और कट पॉइंट पर सड़क की चौड़ाई का अंदाजा लगाना कठिन हो जाएगा, जिससे दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा होना तय है। बरसात के बाद झाड़ियों की लंबाई और अधिक बढ़ जाएगी, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.यह मार्ग न केवल क्षेत्रीय बल्कि अंतरजनपदीय परिवहन की दृष्टि से भी अहम है। इसके रखरखाव की उपेक्षा से पूरे यातायात तंत्र पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है.

आवश्यकता है कि लोक निर्माण विभाग तुरंत संज्ञान लेकर सड़क और पटरियों दोनों किनारों पर फैली झाड़ियों को हटाए। साथ ही सभी संकेतक और चेतावनी बोर्डों को पुनः व्यवस्थित किया जाए, ताकि सड़क सुरक्षा के मानकों का पालन सुनिश्चित हो सके.यदि विभाग ने जल्द कदम नहीं उठाए तो सड़क और पटरियों पर झाड़ियों का यह अतिक्रमण और बढ़ जाएगा तथा हादसों की संख्या में भी इजाफा होगा.

आमजन की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह जरूरी है कि सड़क को तुरंत अतिक्रमण मुक्त कराते हुए सुचारु यातायात योग्य बनाया जाए। अवर अभियंता श्रवण कुमार ने बताया विभाग से आदमियों को लगाकर इसकी कटाई कराई जाती है। कोई अलग से बजट इसके लिए नही आता है। बरसात खत्म होने पर इसको साफ कराया जाएगा.

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