आम आदमी की थाली से अगले कुछ महीनों तक प्याज गायब रह सकता है. इसकी कीमतें पहले से ही काफी ऊंची बनी हुई हैं और अब इनके जल्द नीचे आने की उम्मीद भी नहीं है. इसे लेकर एक रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. देश में प्याज ही नहीं टमाटर, बंद गोभी, लौकी जैसी और सब्जियों के दाम भी लगातार बढ़ ही रहे हैं.
आईसीआईसीआई बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज की कीमत 5 साल के हाई लेवल तक जा चुकी हैं. इसकी कीमत प्रति क्विंटल 5500 रुपए से ऊपर तक लग चुकी है. ये थोक मार्केट के रेट हैं, इसलिए रिटेल मार्केट में प्याज के जल्दे सस्ते होने की उम्मीद ना के बराबर है.
टूटा दिसंबर 2019 का रिकॉर्ड
प्याज की कीमत इस महीने की 6 तारीख को लासलगांव में 5,656 रुपए प्रति क्विंटल तक जा चुकी है. इस तरह प्याज के दामों ने 2019 के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है, क्योंकि प्याज की कीमतें 10 दिसंबर 2019 को ही इस लेवल तक पहुंची थीं. अब भी थोक बाजार में प्याज के दाम 4,000 रुपए प्रति क्विंटल के आसपास बने हुए हैं.
और क्या है ICICI Bank की रिपोर्ट में?
आईसीआईसीआई बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते महीनों की तुलना में नवंबर में भले सब्जियों के दाम कम हुए हैं, लेकिन प्याज की कीमतें ऊंची ही बनी हुई हैं. अगस्त और सितंबर की भारी बारिश ने सब्जियों की आवक में 28 प्रतिशत की गिरावट लाई इससे टमाटर की कीमतें पिछले महीने 49 प्रतिशत तक बढ़ गई थीं; वहीं प्याज की कीमतें अब भी ऊंची ही हैं.
इस साल अक्तूबर में सब्जियों की कीमतों में सालाना आधार पर 42 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है. सब्जियों की कीमतों में ये 57 महीनों का उच्च स्तर है.