ऐसे परिदृश्य में जहां सफलता की कहानियां अक्सर पश्चिमी जड़ों से जुड़ी होती हैं – जैसे कि Uber, अमेज़ॅन और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट – दो घरेलू चैंपियनों का जश्न मनाना ताज़ा है: ज़ोमैटो और स्विगी. दोनों कंपनियों ने भारत के खाने के तरीके को मौलिक रूप से बदल दिया है, और उनकी यात्रा प्रेरणादायक से कम नहीं है.
आइए दिग्गजों की तुलना करें:
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
1. बाजार पहुंच और सेवाएं:
– ज़ोमैटो: शुरुआती कंपनियों में से एक के रूप में जाना जाता है, ज़ोमैटो ने एक रेस्तरां खोज प्लेटफ़ॉर्म के रूप में शुरुआत की और जल्दी ही एक खाद्य वितरण पावरहाउस बन गया. यह डाइनिंग आउट, टेकअवे जैसी सेवाएं भी प्रदान करता है, और ग्रोफ़र्स का अधिग्रहण करके किराने की डिलीवरी में उतर गया है जिसे अब ब्लिंकिट कहा जाता है.
– स्विगी: जबकि यह सीधे खाद्य वितरण में कूद गया, स्विगी ने अपनी सेवाओं का विस्तार करके स्विगी जिनी (कूरियर सेवाएं) और किराने के सामान के लिए स्विगी इंस्टामार्ट को शामिल किया.
2. हाल की उपलब्धियां:
ज़ोमैटो ने 2021 में तब तहलका मचा दिया जब यह शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होने वाला पहला प्रमुख भारतीय स्टार्टअप बन गया, जो इसके व्यवसाय मॉडल में भारी आत्मविश्वास को दर्शाता है.
स्विगी ने हाल ही में इसका अनुसरण किया, जो भारतीय स्टार्टअप के लिए एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ. भारतीय शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होना न केवल उनकी सफलता का सम्मान करता है, बल्कि भारतीय निवेशकों में गर्व भी भरता है.
3. बाजार पूंजीकरण:
ताज़ा रिपोर्टों के अनुसार, ज़ोमैटो का बाजार पूंजीकरण 2.3 लाख करोड़ के आसपास है.
स्विगी, हालांकि अपनी अनूठी चुनौतियों का सामना कर रही थी, लेकिन कल लिस्टिंग के बाद, इसने लगभग 1 लाख करोड़ का बाजार पूंजीकरण छू लिया.
संस्थापक और निवेशक:
ज़ोमैटो की स्थापना दीपिंदर गोयल और पंकज चड्डा ने की थी. दीपिंदर के विज़न ने ज़ोमैटो के तेज़ी से विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और शुरुआती निवेशकों में इन्फो एज (नौकरी डॉट कॉम) संजीव बिखचंदानी और सिकोइया कैपिटल शामिल थे.
– स्विगी की स्थापना श्रीहर्ष एम., नंदन रेड्डी और राहुल जैमिनी ने की थी. एक्सेल और नैस्पर्स जैसे प्रभावशाली निवेशकों के समर्थन से स्विगी एक घरेलू नाम बन गया है.
दोनों कंपनियों ने चुनौतियों का सामना किया है, लेकिन उनके लचीलेपन ने निरंतर विकास और नवाचार सुनिश्चित किया है, जिससे अंततः भारत भर में लाखों ग्राहकों और हज़ारों भागीदार रेस्तराँ को लाभ हुआ है.
आप कहाँ खड़े हैं?
क्या आप एक वफ़ादार ज़ोमैटो उपयोगकर्ता हैं, या आप स्विगी की त्वरित डिलीवरी पसंद करते हैं?
चाहे आप ज़ोमैटो-इयन हों या
स्विगी वाले बनने की ओर झुकाव रखते हों,
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि दोनों कंपनियों ने हमारे डाइनिंग अनुभवों पर काफी प्रभाव डाला है.
आपकी पसंद क्या है? मुझे कमेंट्स में बताएं!
लेखक: अमनदीप सिंह
डायरेक्टर, Gift Kya De
ई-कॉमर्स एक्सपर्ट
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