उत्तरप्रदेश-बिहार में बैठे जालसाजों ने CBI और महाराष्ट्र पुलिस के नाम से उज्जैन के एक व्यापारी को फर्जी अरेस्ट वारंट भेजकर 2 करोड़ रुपए की ठगी की वारदात की अंजाम दिया है. आरोपियों ने व्हाट्सअप प्रोफाइल पर महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगाकर, साइबर ठगी की वारदात में CBI में प्रकरण दर्ज होने और गिरफ्तारी का डर दिखाकर करोड़ों रुपए बैंक खाते में ट्रांसफर करा लिए. पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को यूपी-बिहार से गिरफ्तार किया है. उज्जैन पुलिस ने फरियादी व्यापारी का नाम गुप्त रखा है.
उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि 12 अप्रैल को फरियादी ने घटना के संबंध में जानकारी दी. अज्ञात मोबाइल से फरियादी को अलग-अलग मोबाइल नंबर से कॉल कर जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल के द्वारा किए गए फ्रॉड का रुपया व्यापारी के बैंक खाते में आना बताया एवं उसका प्रकरण CBI में दर्ज होने की जानकारी दी. व्यापारी को अज्ञात कॉलर ने बताया कि मामले की छानबीन CBI द्वारा की जा रही है. कॉलर के व्हाट्सअप पर जब कॉल किया गया तो उसमें महाराष्ट्र पुलिस का लोगो लगा था, साथ ही व्हाट्सअप पर उन्होंने भारत सरकार के विभिन्न विभागों के पत्र पर दिया गया अरेस्ट ऑर्डर, गोपनीय समझौतों की सहमति का एग्रीमेंट एवं CBI के अधिकारी के साइन किए हुए लेटर फरियादी को भेजे.
गिरफ्तारी के डर से व्यापारी ने RTGS के माध्यम से 2 करोड़ रुपए जालसाजों के द्वारा दिए गए पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. आरोपियों द्वारा फरियादी को इस बात का विश्वास दिलाया गया की जैसे ही प्रकरण में यह बात साफ हो जाएगी की नरेश गोयल का धोखाधड़ी का रुपए फरियादी के खाते में नहीं आया है, फरियादी को उसका पूरे रुपए वापस कर दिए जाएंगे.
थाना माधव नगर, आईटी सेल, साइबर सेल, क्राइम ब्रांच की टीमों को तकनीकी जानकारी एकत्रित करने, आरोपियों की पहचान करने के लिए एक टीम गठित की गई. पुलिस ने घटना में उपयोग किए गए मोबाइल नंबर, व्हाट्सअप नंबर और संदिग्ध बैंक खातों के संबंध में जानकारी प्राप्त की, तो पता चला कि आरोपियों ने धोखाधड़ी की राशि पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा बिहार के मुकेश इंटरप्राईजेस के खाते में ट्रांसफर की. साथ ही उक्त खाते से राज्यों के विभिन्न बैंकों के लगभग 40 बैंक खातों में 2 करोड़ की राशि ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी. आईटी टीम द्वारा बैंक से प्राप्त जानकारी के आधार पर बेनिफिशियरी खातों के संबंधित बैंक के, व्हाट्सअप एवं गुगल के नोडल अधिकारियों से जानकारियां एकत्रित की गई. जिसमें चौकाने वाली बातें सामने आईं हैं.
ठगी गई राशि पंजाब नेशनल बैंक शाखा नालंदा के मुकेश इंटरप्राईजेस के नाम खाते में ट्रांसफर हुई थी. यह एकाउंट मुकेश कुमार के द्वारा खुलवाया गया था. मुकेश द्वारा अपने दोस्त अमरेंद्र कुमार के कहने पर ठगी करने के लिए बैंक खाता खुलवाया था. बैंक खाते के दस्तावेज, रजिस्टर्ड सिम व नैट बैंकिग के लॉगिन आईडी, पासवर्ड अमरेंद्र कुमार के साथ उसके दोस्त अनिल कुमार को दिए थे. इसके ऐवज में अनिल द्वारा ठगी की जो राशि मुकेश के बैंक खाते में जमा होगी उसका 4-5 प्रतिशत मुकेश एवं अमरेन्द्र को दिया जाएगा. अमरेन्द्र द्वारा और भी कई लोगों के बैंक खाते अनिल को उपलब्ध कराए गए थे, जिसके संबंध में जांच की जा रही है.
आरोपी अमरेंद्र एवं अनिल का मुलाकात वर्ष 2022 में कानपुर जेल में हुई थी. उस समय अनिल द्वारा अमरेंद्र को ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराने की बात कही थी. अमरेंद्र और शरद बीएससी तक पढ़े हैं. ये दोनों बिहार में पेपर साल्वर के रूप में भी पकड़े गए थे. साथ ही आरोपी शाहनबाज और मुकेश आठवीं तक पढ़े लिखे हैं.
पुलिस को पता लगा की आरोपी मुकेश कुमार नालंदा बिहार, अमरेंद्र कुमार नालंदा बिहार, अनिल कुमार यादव जिला मेनपुरी (उ.प्र.), शरद पांडे मैनपुरी (उ.प्र.), शाहनबाज आलम अरबल बिहार द्वारा भारत के कई राज्यों के लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी की गई है. इस संबंध में आरोपियों के बैंक खातों से जानकारी लेकर संबंधित व्यक्तियों एवं पुलिस से संपर्क कर घटनाओ की जानकारी ली जाएगी. साथ ही आरोपियों के आपराधिक रिकार्ड भी खंगाले जा रहे हैं. आरोपी से घोखाधड़ी के लिए उपयोग किए गए कुल 10 मोबाइल जब्त किए हैं.