शहडोल: मध्य प्रदेश में इस समय चारों तरफ बारिश से हाहाकार मचा है. कहीं सड़कें डूब गई हैं तो कहीं नालें उफान पर हैं. कई नदियों का बढ़ा जलस्तर इंसानों का डरा रहा है. पानी अधिक होने की वजह से कई डैम के गेट खोले जा चुके हैं. लेकिन वहीं इसके ठीक उलट प्रदेश का एक इलाका है जहां अभी धरती प्यासी है. खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं. नदी-नाले, तालाब, पोखर सब सूखे पड़े हैं. किसान बारिश की बाट जोह रहा है. धान की नर्सरी कब की तैयार हो गई है. सूखे की वजह से धान की अभी तक रोपाई नहीं हो पाई है. लोगों को अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार है.
विध्य क्षेत्र में पानी को तरस रहे हैं किसान
प्रदेश के विध्य क्षेत्र में इस साल अभी तक अच्छी बारिश नहीं हुई है. सूखे की स्थिति बन गई है. रीवा संभाग, शहडोल संभाग विंध्य क्षेत्र में आते हैं. रीवा संभाग में रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली और मैहर जिले आते हैं. वहीं शहडोल संभाग के शहडोल, उमरिया, अनूपपुर जिलों में अभी तक तेज बारिश नहीं हुई है. सूखे जैसे हालात ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है. अभी तक धान की रोपाई नहीं हो पाई है. धान की नर्सरी कब की तैयार है लेकिन खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें दिख रही हैं. पानी का नामोनिशान नहीं है. ऐसे में धान की रोपाई नहीं हो पा रही है. धान की नर्सरी ओवर ऐज हो गई हैं; उनके खराब होने की नौबत आ गई है.
किसान इंद्रदेव की कृपा का कर रहे हैं इंतजार
विंध्य क्षेत्र में बड़े स्तर पर धान की खेती होती है. धान की खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण पानी होता है. लेकिन यहां पानी की समस्या है. किसानों ने बताया कि जिनके पास सिंचाई के साधन हैं वह जैसे-तैसे करके थोड़ा बहुत धान की रोपाई कर रहे हैं लेकिन जिनके पास सिंचाई का साधन नहीं है वह किसान हाथ पर हाथ रखकर इंद्रदेव की कृपा का इंतजार कर रहे हैं. सिंचाई का कोई बड़ा साधन नहीं होने की वजह से क्षेत्र के किसान आज भी बरसात पर निर्भर हैं. किसानों ने बताया कि, नर्सरी को 20 से 25 दिन के अन्दर उखाड़कर उसकी रोपाई हो जानी चाहिए लेकिन यहां नर्सरी एक महीने से भी ज्यादा दिन की हो गई हैं. ज्यादा दिन होने की वजह से वो खराब भी हो रही है. पत्तियां पीली होने लगी हैं, कंसे फूटने लगे हैं, तना सख्त हो रहा है. ज्यादा देरी हुई तो यह पूरी तरह से खराब हो जाऐंगी.