भोपाल कमिश्नर ऑफिस में बुजुर्ग ने डंडा मारकर आग लगाई

भोपाल कमिश्नर ऑफिस में गुरुवार दोपहर अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। कर्मचारी पानी की बाल्टियों के साथ दौड़े और आग को बुझाने का प्रयास किया। इस दौरान कमिश्नर संजीव सिंह भी कार्यालय में मौजूद थे। आग लगने से कार्यालय की बिजली करीब डेढ़ घंटे तक गुल रही। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बुजुर्ग को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ शुरू कर दी।

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जानकारी के अनुसार, यह घटना दोपहर लगभग एक बजे हुई। एक बुजुर्ग व्यक्ति जमीन से संबंधित शिकायत लेकर कमिश्नर कार्यालय पहुंचे थे। उनकी फरियाद को सुनने में देरी होने पर वह झुंझलाहट में आग लगाने पर उतारू हो गए। उन्होंने हाथ में रखा डंडा इलेक्ट्रिक बोर्ड में मार दिया, जिससे शॉर्ट सर्किट हुआ और चिंगारियां निकलने लगीं। आग तेजी से पास रखे सोफों तक फैल गई और उन्हें पूरी तरह जलाकर राख कर दिया।

बुजुर्ग पहले मिलने की जिद कर रहे थे, लेकिन कार्यालय में पहले से खड़े अन्य आवेदक के कारण उन्हें पहले मिलने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद नाराज होकर उन्होंने यह कार्रवाई की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बुजुर्ग मानसिक रूप से अस्थिर भी बताए जा रहे हैं।

आग लगने के बाद कार्यालय खाली करवा दिया गया और कर्मचारी बाहर निकल गए। कमिश्नर कार्यालय, जनसंपर्क विभाग, कृषि विभाग के संभागीय कार्यालय और तहसील कार्यालय समेत अन्य कार्यालय इसी इमारत में स्थित हैं। घटना के बाद सभी कार्यालयों के कर्मचारी सुरक्षित बाहर निकाले गए।

शॉर्ट सर्किट से लगी आग को कार्यालय के कर्मचारियों ने तुरंत बाल्टियों में पानी भरकर बुझाने की कोशिश की। इसके बाद नगर निगम की दमकल भी मौके पर पहुंची और आग पर पूरी तरह काबू पाया गया।

हुजूर एसडीएम ने बताया कि बुजुर्ग की समस्या को समझने के लिए विदिशा एसडीएम से संपर्क किया जा रहा है। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि बुजुर्ग की जमीन गंजबासौदा के एक गांव में थी, जिसका पट्टा उनके नाम था, लेकिन सरकार ने इसे अधिग्रहित कर लिया था। इसी बात से नाराज होकर उन्होंने कार्यालय में आग लगाई।

पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई जारी है और घटना में शामिल बुजुर्ग के खिलाफ आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से प्रशासनिक कार्यालयों की सुरक्षा पर ध्यान देना आवश्यक है और भविष्य में सुरक्षा बढ़ाने के उपाय किए जाएंगे।

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