काली कमाई के धनकुबेर परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से लोकायुक्त पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं. लोकायुक्त की पूछताछ में सौरभ शर्मा की कई बेनामी संपत्तियों का पता चला है. लेकिन सौरभ शर्मा इतना शातिर है कि उसने अपने नाम पर नहीं बल्कि अपने करीबियों और रिश्तेदारों के नाम पर करोड़ों की प्रॉपर्टी खरीदी थी. सौरभ ने आठ बेनामी कंपनियां में चेतन और शरद के जरिए करोड़ों का निवेश किया. सौरभ ने 150 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी, लेकिन खुद के नाम पर नहीं बल्कि इसका मालिक उसने अपने दोस्त को बनाया है.
लोकायुक्त की जांच में सामने आया है कि सौरभ शर्मा ने काली कमाई को सफेद करने के लिए कई कंपनी बनाई थी. उसकी संपत्तियों में दुबई में बंगला और देश में अलग-अलग जगह पर प्लॉट्स मकान पेट्रोल टैंक, स्कूल और मछली पालन व्यवसाय भी शामिल हैं. फिलहाल भोपाल स्थित मेंडोरी के जंगल में एक कार में मिला 52 किलो सोना 11 करोड़ नकदी का असल मालिक कौन है इस बात का पता नहीं चल सका है.
15 से ज्यादा बैंख खातों की होगी जांच
सौरभ ने ये सोना उसका होने से इनकार किया हैं. जबकि गाड़ी मालिक चेतन ने यह सोना और पैसा सौरभ का बताया था. लोकायुक्त की पूछताछ में सौरभ शर्मा ने बैंक लॉकर होने की बात से इनकार किया है. बैंकों में जमा राशि के बारे में भी कुछ नहीं बताया है. हालांकि, लोकायुक्त पुलिस का कहना है कि 15 से अधिक बैंक खातों को जांच के दायरे में लेकर बैंकों से जानकारी मांगी है.
लोकायुक्त कर रही सौरभ और उसके दोस्तों से पूछताछ
लोकायुक्त को संदेह है कि इन बैंक खातों के जरिए लेनदेन दिखाकर काली कमाई को सफेद किया गया होगा. फिलहाल 4 फरवरी तक सौरभ, शरद और चेतन लोकायुक्त की रिमांड पर है. लोकायुक्त ने सौरभ, चेतन और शरद को लोकायुक्त कार्यालय के सामने कोहेफिजा थाने में रखा है. रात 10 बजे से सुबह 8 बजे तक तीनों कोईफिजा थाने में सोते हैं. इसके बाद तीनों को लोकायुक्त कार्यालय में रखा जाता है, जहां इनसे पूछताछ की जा रही है. लोकायुक्त परिसर में ही तीनों का खाना बनाया जा रहा है. इन्हें खाना देने से पहले लोकायुक्त के अधिकारी खाने को चेक करते हैं उसके बाद ही खाना दिया जाता है.