धमकाने और दबदबे से…’ टैरिफ को लेकर ट्रंप पर बरसे चीनी राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग 

दुनिया की दो सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देश अमेरिका और चीन के बीच 90 दिन तक टैरिफ (US-China Tariff) को लेकर समझौता हुआ है. दोनों देश एक दूसरे के गूड्स पर लगने वाले टैरिफ को कम करने का फैसला किया है. स्विट्जरलैंड में दोनों देशों के प्रतिनिधियों की हाल में हुई बैठक में 90 दिनों तक यह व्‍यवस्‍था लागू रहेगी. इस बैठक के बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर लंबे समय तक चलने का खतरा खत्‍म हो चुका है और अमेरिका में मंदी (US Recession) की आशंका भी समाप्‍त हो गई है.

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दोनों देशों के बीच इस फैसले से दुनिया भर के बाजारों में उत्साह है. वहीं दूसरी ओर, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) ने अमेरिका की मनमानी और वर्चस्व की आलोचना करते हुए खरी-खरी सुनाई है.

CNN की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि ‘धमकाना’ केवल उलटा असर करेगा. उन्होंने यह बात अमेरिका की ओर इशारा करते हुए कही. शी जिनपिंग का ये बयान अमेरिका और चीन के बीच सहमति बनने के बाद आई है. जिनपिंग ने मंगलवार को बीजिंग में ब्राजील, कोलंबिया और चिली के राष्ट्रपतियों समेत लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई अधिकारियों के एक शिखर सम्मेलन में ये बातें कहीं.

ट्रेड वार में कोई नहीं जीतता: शी जिनपिंग

शी जिनपिंग ने कहा कि टैरिफ वॉर या व्यापार युद्ध में कोई विजेता नहीं होता. धमकाने या दबदबा जमाने से केवल आत्म-अलगाव ही होता है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार टकराव के दौरान दी गई चेतावनी को दोहराया. उन्‍होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं देखा गया और तेजी से बदलाव हो रहा है. राष्‍ट्रों के बीच एकता और सहयोग कम हो गया है.

इस डील पर दोनों देश मान रहे जीत

वहीं अमेरिका में टैरिफ रोक को संयुक्त राज्य अमेरिका की जीत और ट्रंप की ‘अमेरिकी लोगों को लाभ पहुंचाने वाले सौदे हासिल करने में अद्वितीय विशेषज्ञता’ के प्रदर्शन के रूप में देख रहा है. दूसरी ओर चीनी मीडिया भी इस डील को लेकर चीन के लिए ‘एक बड़ी जीत’ बता रही है.

2 अप्रैल को ट्रंप ने लगाया था टैरिफ

गौरतलब है कि 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया था. जिसके बाद बहुत से देशों ने अमेरिका से डील करने का रास्‍ता अपनाया, लेकिन चीन ने इसका विरोध किया और टैरिफ पर टैरिफ बढ़ाता गया. जिस कारण दुनिया भर में तनाव बढ़ गया. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार ने ज्‍यादातर देशों के शेयर मार्केट में भी गिरावट लेकर आई. भारतीय बाजार भी इससे प्रभावित हुआ.

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