देश के नए उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन शुक्रवार को पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उन्हें सुबह 10 बजे राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में शपथ दिलाएँगी। 67 वर्षीय राधाकृष्णन इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल थे। उन्होंने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों से हराया।
उपराष्ट्रपति चुनाव तत्काल आवश्यक हो गया था क्योंकि तत्कालीन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफ़ा दे दिया था। राधाकृष्णन के उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद राष्ट्रपति ने गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत को महाराष्ट्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा।
चुनाव में कुल 788 सदस्यों में से 767 ने मतदान किया। राधाकृष्णन को 452 वोट मिले जबकि सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट ही मिले। इससे स्पष्ट हुआ कि राधाकृष्णन को अपेक्षा से ज्यादा समर्थन मिला और उन्हें भारी मतों से जीत हासिल हुई। इस चुनाव में विपक्ष के कुछ सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की, जिससे राधाकृष्णन की जीत और मजबूत हुई।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन से मुलाकात कर उन्हें उपराष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। यह मुलाकात केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी के निवास स्थान पर हुई।
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राधाकृष्णन को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नए उपराष्ट्रपति की यह उपलब्धि देश के प्रतिनिधियों का विश्वास दर्शाती है और उनके सार्वजनिक जीवन का अनुभव उपराष्ट्रपति पद की गरिमा को और बढ़ाएगा।
राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी शामिल हो सकते हैं। प्रशासन ने समारोह के आयोजन को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति के रूप में भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उनके अनुभव और नेतृत्व से संसद की कार्यवाही में समन्वय और प्रभावशीलता बढ़ेगी। उनके चुनाव और शपथ ग्रहण से लोकतंत्र की प्रक्रिया और संवैधानिक संस्थाओं में विश्वास को मजबूती मिलेगी।
इस प्रकार, देश के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में सी.पी. राधाकृष्णन का कार्यभार संभालना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।