पीएम मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने बुधवार को देश की राष्ट्रमंडल खेल-2030 की मेजबानी की दावेदारी को मंजूरी दे दी. कैबिनेट ने विश्व स्तरीय स्टेडियम, अत्याधुनिक अभ्यास सुविधाओं और खेल संस्कृति को देखते हुए अहमदाबाद को आदर्श मेजबान बताया. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की ओर से सहमति जताने के कुछ दिन बाद ही ये फैसला आया है. भारत ने राष्ट्रमंडल खेल 2030 की दावेदारी की इच्छा जताने वाला पत्र जमा कर दिया है. दावेदारी के लिए बोली जमा करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है. भारतीय ओलंपिक संघ अगले 48 घंटे में प्रक्रिया पूरी कर सकता है. भारत ने आखिरी बार 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की थी.
कैबिनेट के फैसले को लेकर जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रमंडल खेल-2030 की दावेदारी के युवा कार्य और खेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसमें कहा गया है कि कैबिनेट ने संबंधित मंत्रालयों, विभागों और प्राधिकरणों से जरूरी गारंटी के साथ मेजबान सहयोग समझौते (एचसीए) पर साइन करने और बोली स्वीकार होने पर गुजरात सरकार को जरूरी अनुदान सहायता की मंजूरी देने को भी मंजूरी दे दी.
अहमदाबाद को बताया आदर्श मेजबान
खेलों को देखते हुए अहमदाबाद को विश्व स्तरीय सुविधाओं और आधुनिक सुविधाओं वाले शहर के रूप में स्थापित किया गया है. इसका प्रमुख आकर्षण नरेंद्र मोदी स्टेडियम है. ये दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है. यहीं आईसीसी क्रिकेट विश्व कप-2023 का फाइनल हुआ था. अगर भारत की बोली सफल होती है तो 72 देशों के एथलीटों के इन खेलों में भाग लेने की उम्मीद है.
सरकार के अनुसार, बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी से स्थानीय व्यवसायों को सीधा लाभ होगा. खेलों की मेजबानी न केवल खेल उत्कृष्टता के लिए एक मंच प्रदान करेगी, बल्कि स्थायी आर्थिक और सामाजिक लाभ भी प्रदान करेगी. इस आयोजन से रोज़गार मिलेंगे, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और खेल विज्ञान, इवेंट मैनेजमेंट, लॉजिस्टिक्स, परिवहन, प्रसारण, आईटी और संचार जैसे क्षेत्रों में अवसर खुलने की उम्मीद है.
कैबिनेट ने क्या कहा?
ये खेल देश के लाखों युवाओं को पेशेवर रूप से खेलों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकते हैं. मंत्रिमंडल के बयान में कहा गया है, ऐसे विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी एक साझा राष्ट्रीय अनुभव प्रदान करेगी और सभी स्तरों पर खेलों में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी. अगर भारत अपनी बोली में सफल होता है तो यह 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के बाद राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के रूप में देश का दूसरा कार्यकाल होगा.