छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में बयानार में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) के एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। जवान की पहचान सीएएफ कैंप में पदस्थ प्लाटून कमांडर दिनेश सिंह चंदेल के रूप में हुई है, जो कि दुर्ग जिले के रहने वाले थे। घटना रविवार देर रात की है। अभी तक आत्महत्या की वजह साफ नहीं हो पाई है।
घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। अब तक किसी भी अधिकारी ने आधिकारिक बयान नहीं दिया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जवान के आत्महत्या की असल वजह जानने की कोशिश की जा रही है।
5 दिन पहले बीजापुर में जवान ने किया था सुसाइड
इससे पहले, 30 जुलाई को बीजापुर जिले में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। जवान पप्पू यादव 22वीं बटालियन मिनगाचल में पदस्थ था। वह बिहार के भोजपुर जिले का रहने वाला था। घटना नैमेड़ थाना क्षेत्र की है।
जानकारी के मुताबिक बैरक में बुधवार सुबह 5 बजे जवान ने अपनी सर्विस राइफल से गले पर गोली चलाई। गोली सिर को चीरते हुए बाहर निकली। जवान की मौके पर ही मौत हो गई। जवान 1 दिन पहले ही छुट्टी से लौटा था। SP जितेंद्र यादव ने घटना की पुष्टि की है।
सुसाइड के कारण का नहीं चला पता
SP जितेंद्र यादव ने बताया कि जवान ने लाइसेंसी इंसास राइफल से खुद को गोली मारी है। सूचना पर नैमेड़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर जरूरी कानूनी कार्रवाई कर रही है। आत्महत्या की वजह का अभी पता नहीं चला है। मृत जवान पप्पू यादव बिहार के चाल पोखरी थाना क्षेत्र के ठाकुरी गांव का रहने वाला था।
13 दिन पहले आरक्षक ने की थी आत्महत्या
13 दिन पहले ही जगदलपुर के परपा में पोस्टेड आरक्षक ने अपने सरकारी क्वार्टर में सुसाइड कर लिया था। उसके कमरे में फंदे से लटकता शव मिला। वो जशपुर जिले का रहने वाला था। आरक्षक परपा में यातायात विभाग में था।
लेकिन कुछ दिन पहले ही उसका परपा से लोहंडीगुड़ा तबादला हो गया था। पुलिस शुरुआती जांच में पारिवारिक कारणों की वजह से सुसाइड करने की बात कही गई थी।
छुट्टी ना मिलना सुसाइड का सबसे बड़ा कारण
बस्तर के बीहड़ों में तैनात जवान सुसाइड कर रहे हैं। इनके सुसाइड की सबसे बड़ी वजह इन्हें समय पर छुट्टियां न मिलना है। हालांकि, कुछ जवान ऐसे भी हैं जो छुट्टी से लौटने के बाद ड्यूटी के दौरान सुसाइड किए हैं। इसकी वजह पारिवारिक कलह सामने आई है।
इसके अलावा फोर्स में बड़े अफसरों के साथ जवानों का कम्युनिकेशन गैप भी होता है, जिससे जवान अफसरों के सामने अपनी समस्या नहीं रख पाते हैं। इसके अलावा जवानों के बीच आपसी-मजाक मस्ती भी इनके सुसाइड करने या फिर अपने साथियों की ही हत्या करने की वजह है।
80% खुदकुशी छुट्टी से लौटने के बाद
- अर्ध सैनिक बलों में 2020 में 3,584 से बढ़कर 2022 में 4,940 हो गई मनोरोग रोगियों की संख्या।
- 2011 से 2023 तक 1,532 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के जवानों ने खुदकुशी की है (पूर्व अर्ध सैनिक बल कल्याण संघों के परिसंघ की रिपोर्ट)।
- पिछले पांच वर्षों में 6 CAPF के 46,960 कर्मियों ने अपनी नौकरी छोड़ी है।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इससे निपटने के लिए अक्टूबर 2021 में टास्क फोर्स बनाई।
- टास्क फोर्स की रिपोर्ट में कहा गया कि 80% आत्महत्याएं छुट्टी से लौटने के बाद।