कलकत्ता हाईकोर्ट ने 23 अप्रैल को चुनाव आयोग से अपील की है कि बहरामपुर (मुर्शिदाबाद) में चुनाव आगे बढ़ाया जाए. मुर्शिदाबाद में 13 और 17 अप्रैल को रामनवमी उत्सव के दौरान दो गुटों में झगड़ा हुआ था. बहरामपुर सीट मुर्शिदाबाद में आती है.
कलकत्ता हाईकोर्ट ने दो याचिकाओं की सुनवाई की थी, जिसमें घटना को लेकर CBI और NIA जांच की मांग की गई है. कोर्ट ने कहा कि आचार संहिता के दौरान दो गुटों में झगड़ा हुआ था. इस स्थिति में वहां के लोग किसी को चुन नहीं सकते. चुनाव होने का कारण भी समस्या होगी.
वहीं, कोर्ट ने बंगाल सरकार से अपील की है कि रामनवमी पर मुर्शिदाबाद में जो हिंसा हुई थी, उस पर रिपोर्ट पेश करें. मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
पश्चिम बंगाल में सभी सातों फेज में लोकसभा चुनाव होने हैं. इलेक्शन कमीशन ने राज्य में केंद्रीय सुरक्षा बलों की 920 टुकड़ियां तैनात की हैं. यहां जम्मू-कश्मीर से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किया गया है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस सिवागननम ने कहा कि अगर लोग 8 घंटे के लिए भी कोई त्योहार शांति से नहीं मना सकते तो हम इलेक्शन कमीशन से रिक्वेस्ट करते हैं कि ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव न कराएं जाएं. आचार संहिता लागू हो जाने के बाद भी, दो समुदायों के लोग आपस में लड़ रहे हैं. इन्हें अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए वोट देने का कोई अधिकार नहीं है.
पश्चिम बंगाल में रामनवमी के अवसर पर दो जगह हिंसा हुई थी. मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा शहर में मस्जिद के पास से शोभायात्रा निकालने के बाद दो समुदायों के बीच संघर्ष हुआ. इस बीच बम फटने की भी सूचना मिली.
वहीं, मेदिनीपुर के इगरा में भी दो समुदाय के बीच झड़प हुई और आगजनी की गई. हिंसा में अब तक 18 लोगों के घायल होने की खबर मिली थी. इसमें दो नाबालिग, एक महिला और कुछ पुलिस कर्मी भी शामिल हैं.
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने हिंसा के कुछ वीडियो शेयर किए थे. उन्होंने लिखा- ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के लिए कलंक हैं. वह एक बार फिर रामनवमी शोभा यात्रा की सुरक्षा करने में विफल रही.
उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद के रेजीनगर में हिंदू श्रद्धालुओं को निशाना बनाया गया. इस क्षेत्र में हिंदू अल्पसंख्यक हैं. रेजीनगर में एक छत से लोगों के पत्थरबाजी करने का भी वीडियो सामने आया है.