मध्य प्रदेश के नीमच जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग के हजारों आवेदन और सबूतों के दस्तावेज देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होता देख एक व्यक्ति ने अफसरशाही और सत्ता को जगाने का अनोखा तरीका अपनाया. शिकायतकर्ता ने आवेदनों और सबूतों के कागजों की लंबी माला बनाकर खुद पर लपेटकर अजगर की तरह रेंगता हुआ कलेक्ट्रेट पहुंचा, जहां भ्रष्टाचार के अजगर के अंत के लिए नवागत कलेक्टर से उसने जांच और सख्त कारवाई की मांग की.
नीमच जिले की पंचायत कांकरिया तलाई में निर्माण और विकास कार्यों के नाम पर तत्कालीन सरपंच और उसके पति पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप गांव के मुकेश प्रजापति द्वारा लगातार लगाए जा रहे हैं. मुकेश का कहना है कि उसने तथ्यों के साथ लोकायुक्त को भी शिकायत की, मुख्यमंत्री को भी अवगत कराया, लेकिन नीमच प्रशासन से लेकर शासन तक कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
जिला पंचायत CEO भी भ्रष्टाचार में लिप्त!
मुकेश कहना है कि केवल कांकरिया तलाई में सवा करोड़ का भ्रष्टाचार हुआ, जिसके सबूत पेश किए, लेकिन इसकी जांच में भी भ्रष्टाचार हो रहा है. मुकेश ने तत्कालीन जिला पंचायत CEO गुरुप्रसाद के भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए और ED की जांच की मांग की. कलेक्ट्रेट में जब मुकेश प्रजापति आवेदनों की पूंछ बनाकर अजगर की तरह रेंगता हुआ आया तो उसके कपड़े भी फट गए. वहीं मुकेश को इस तरह से देख तमाशबीनों की भारी भीड़ जुट गई.
कलेक्टर ने दोबारा दिए जांच के आदेश
वहीं मुकेश को देख SDM ममता खेड़े और अन्य अधिकारी पहुंचे. उन्होंने मुकेश को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मुकेश का यही कहना था कि इतनी बार आने पर भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. उसे न्याय चाहिए. मुकेश ने जिले के नवागत कलेक्टर हिमांशु चंद्रा को पूरा मामला बताया. कलेक्टर ने दोबारा पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए.
बहरहाल, मुकेश प्रजापति भ्रष्टाचार के अजगर के एक प्रतीक के रूप में सरकारी तंत्र को चेताने आया कि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई तो यह अजगर व्यवस्था को निगल जाएगा. बता दें कि पड़ोसी जिले मंदसौर में भी इसी तरह एक पीड़ित किसान समस्या की सुनवाई न होने पर जनसुनवाई में जमीन पर लेटता हुआ पहुंचा था. जब यह मामला सरकार तक पहुंचा तो कलेक्टर नप गए थे.