अयोध्या : आस्था और विश्वास का प्रतीक श्रीराम जन्मभूमि मंदिर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता का गवाह बना, जब दो अलग-अलग घटनाओं में संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त एक महिला और एक युवक को हिरासत में लिया गया. इन घटनाओं ने एक बार फिर यह साबित किया है कि राम जन्मभूमि परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कितनी चाक-चौबंद और सतर्क है.
शुक्रवार को दोपहर बाद राम जन्मभूमि परिसर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं के बीच एक मुस्लिम महिला की हरकतों ने वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों को चौकन्ना कर दिया. बताया जा रहा है कि यह महिला, जिसकी पहचान इरिम के रूप में की गई है, महाराष्ट्र की रहने वाली है और सामान्य श्रद्धालुओं की तरह दर्शन के लिए मंदिर में दाखिल हुई थी.लेकिन जब वह दर्शन कर लौट रही थी, तो निकासी मार्ग पर तैनात सुरक्षा कर्मियों को उसके हावभाव संदिग्ध लगे.
महिला ने सिर और चेहरा नीले कपड़े से पूरी तरह ढका हुआ था, जिससे उसकी पहचान करना मुश्किल हो रहा था.जब सुरक्षाकर्मियों ने उससे सवाल-जवाब किए, तो वह जवाब देने की बजाय उनसे उलझने लगी.महिला की जवाबदेही और व्यवहार से संदेह और गहरा गया, जिसके बाद उसे तुरंत हिरासत में लेकर पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया। मामले की जानकारी मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं और महिला से कई दौर की पूछताछ की गई.
सूत्रों के अनुसार महिला पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं दे रही है और उल्टे-सीधे उत्तर दे रही है.हालांकि राम जन्मभूमि थाने के प्रभारी निरीक्षक अभिमन्यु शुक्ला ने थाने में किसी महिला को लाए जाने की पुष्टि नहीं की है.उनका कहना है कि संभव है पूछताछ मंदिर परिसर में ही की गई हो.दूसरी ओर, क्षेत्राधिकारी अयोध्या आशुतोष तिवारी ने बताया कि महिला के नाम-पते का सत्यापन कराया जा रहा है और अब तक कोई आपत्तिजनक वस्तु या सूचना उसके पास से प्राप्त नहीं हुई है.
कैमरा चश्मा पहनकर परिसर में घुसा युवक गिरफ्तार
महिला की घटना से ठीक पहले एक और सुरक्षा चूक की कोशिश को नाकाम करते हुए सुरक्षाकर्मियों ने एक युवक को गिरफ्तार किया, जो कैमरा लगा हुआ विशेष चश्मा पहनकर मंदिर परिसर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था.यह चश्मा आम दिखने वाला था, लेकिन उसमें एक गुप्त कैमरा लगा हुआ था, जिससे परिसर की रिकॉर्डिंग की जा सकती थी.
सुरक्षाकर्मियों की नजर उस युवक के चश्मे पर पड़ी और जांच करने पर उसमें कैमरा पाए जाने की पुष्टि हुई.युवक को तत्काल हिरासत में लिया गया और राम जन्मभूमि थाने ले जाकर उससे पूछताछ शुरू की गई। इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मंदिर परिसर में सुरक्षा को लेकर कोई चूक नहीं बरती जा रही है और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
सीओ अयोध्या आशुतोष तिवारी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि युवक से पूछताछ जारी है और उसके पहचान पत्रों एवं डिवाइस की जांच की जा रही है.यह देखा जा रहा है कि क्या वह किसी संगठित प्रयास का हिस्सा है या केवल व्यक्तिगत स्तर पर वीडियो बनाने की कोशिश कर रहा था.
दोनों घटनाएं सुरक्षा पर सवाल, लेकिन जवाब भी देती हैं
राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था हमेशा से ही अत्यंत संवेदनशील रही है. मंदिर परिसर में उच्च स्तरीय सुरक्षा तैनात रहती है, जिसमें सीआरपीएफ, यूपी पुलिस, खुफिया एजेंसियों और विशेष बल शामिल हैं.सीसीटीवी कैमरों, मेटल डिटेक्टर्स, स्कैनिंग मशीनों और मैनुअल चेकिंग के माध्यम से प्रत्येक श्रद्धालु की बारीकी से जांच की जाती है.
इन दोनों घटनाओं ने यह दर्शाया है कि सुरक्षा एजेंसियां न केवल तकनीकी रूप से सजग हैं, बल्कि मानवीय निगरानी और प्रशिक्षण के स्तर पर भी पूरी तरह तैयार हैं.दोनों संदिग्धों को समय रहते पकड़ लेना इसी सतर्कता का प्रमाण है.
हालांकि, इन घटनाओं ने कुछ महत्वपूर्ण सवाल भी खड़े किए हैं—क्या ये अकेली घटनाएं हैं या किसी बड़े साजिश की कड़ियां? क्या संदिग्ध महिला और युवक आपस में जुड़े हुए हैं या ये महज संयोग है? इन सवालों के उत्तर खुफिया एजेंसियों की जांच के बाद ही सामने आ सकेंगे.
जनता और प्रशासन दोनों को रहना होगा सतर्क
राम जन्मभूमि मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है.ऐसे में किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि न केवल सुरक्षा को चुनौती देती है, बल्कि जन भावनाओं को भी आहत कर सकती है.प्रशासन को जहां सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, वहीं श्रद्धालुओं को भी सतर्क और सहयोगी बनना होगा.
आस्था के इस केंद्र की गरिमा बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि हर नागरिक सुरक्षा नियमों का पालन करे और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तत्काल सुरक्षाकर्मियों को दे.
अयोध्या की इन घटनाओं ने एक बार फिर यह जता दिया है कि मंदिर परिसर में कोई भी संदिग्ध गतिविधि अब आसानी से नहीं चल सकती.सुरक्षा तंत्र पूरी तरह सतर्क है और किसी भी चूक को क्षमा नहीं किया जाएगा.दोनों मामलों की जांच जारी है और उम्मीद की जा रही है कि जांच एजेंसियां जल्द ही इन घटनाओं की पूरी सच्चाई सामने लाएंगी.