रूस के कजान शहर में आयोजित BRICS सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई. 2020 में गलवान झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बाइलेटरल मीटिंग थी. करीब एक घंटे चली मीटिंग में दोनों देशों के नेताओं ने सीमा सुरक्षा से लेकर तमाम मुद्दों पर बातचीत की. मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि भारत और चीन के बीच संबंध महत्वपूर्ण है. ये संबध ना केवल दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं बल्कि दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए भी अहम है. एक दूसरे का सम्मान, भरोसा, संवेदनशीलता संबंधों को आगे का रास्ता दिखाएगी.
JUST IN: 🇨🇳🇮🇳 Chinese President Xi Jinping and Indian Prime Minister Modi hold a bilateral meeting at BRICS Summit, the first in five years.
This follows a historic agreement between the two countries to end their border crisis. pic.twitter.com/JXBvr5XZSc
— BRICS News (@BRICSinfo) October 23, 2024
लेकिन सवाल यही है कि जिस चीन ने 1962 से लेकर डोकलाम और गलवान तक बार-बार भरोसा तोड़ा है उस पर भारत आगे कैसे और कितना यकीन कर पाएगा? इस सवाल का जवाब विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने उस समय दिया जब द्विपक्षीय वार्ता की ब्रीफिंग के लिए विदेश मंत्रालय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई. इस दौरान एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद क्या ये कहा जा सकता है की भारत और चीन के बीच रिश्ते अब सामान्य हो गए हैं और क्या चीन पर अब भरोसा किया जा सकता है?
इसके जवाब में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि पिछले दो दिन में जो कदम हमने उठाए गए हैं, वो हमारे सामने हैं. इन पर जो काम हुआ है वो काफी समय से चल रहा है. इनसे हमारी एक तरह से जो प्रक्रिया है सामान्य रिश्ते बनाने के लिए, वो यात्रा एक तरह से चल पड़ी है. जो पीछे अभी समझौता हुआ है उससे सीमा पर शांति का रास्ता अब खुल गया है. रास्ते पर अब चलने की हम दोनों (भारत-चीन) को आवश्यकता है और जहां तक चीन पर भरोसे का सवाल है, जो हम दोनों के बीच आगे चल के प्रतिक्रिया होगी, हमे आशा है कि उससे भरोसा बढ़ेगा दोनों देशों के बीच.
द्विपक्षीय बातचीत से LAC पर हालात ठीक हो जाएंगे?
इससे पहले एक अन्य सवाल कि इस द्विपक्षीय बातचीत से lac पर हालात ठीक हो जाएंगे? इसके जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि हम निश्चित रूप से उम्मीद करते हैं कि इससे निश्चित रूप से एलएसी पर स्थिति में सुधार होगा. जहां तक विश्वास निर्माण उपायों से संबंधित सवाल की बात है तो हमारे पास कई विश्वास निर्माण उपाय हैं और ये लगातार विकसित होते रहते हैं क्योंकि दोनों पक्ष एक बार फिर कई प्रारूपों में जुड़ते हैं. यह निश्चित रूप से एक ऐसा विषय है जिसके बारे में मुझे लगता है कि दोनों पक्षों के बीच चर्चा होगी. बाकी बॉर्डर पर सैन्य स्थिति के बारे में सैन्य नेतृत्व ही सही बता पाएंगे क्योंकि यह ऑपरेशनल मामलों से संबंधित है.
लद्दाख मुद्दे पर आम सहमति का स्वागत करते हैं: पीएम मोदी
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंध न केवल हमारे लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक शांति, स्थिरता और प्रगति के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं. हम सीमा पर पिछले 4 वर्षों में उत्पन्न मुद्दों पर बनी आम सहमति का स्वागत करते हैं. सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखना हमारी प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे संबंधों का आधार बने रहना चाहिए.”
जिनपिंग का भारत-चीन संबंधों को सकारात्मक बनाए रखने का आह्वान
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूसी शहर कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. चर्चा में, शी ने चीन और भारत के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया, प्राचीन सभ्यताओं और विकासशील देशों के रूप में उनकी साझा स्थिति का उल्लेख किया.
चीनी पक्ष द्वारा जारी एक प्रेस बयान के अनुसार, शी ने जोर देकर कहा कि चीन और भारत के बीच सकारात्मक संबंध बनाए रखना दोनों देशों और उनके नागरिकों के मूल हितों के अनुरूप है. उन्होंने दोनों देशों के बीच संचार और सहयोग बढ़ाने का आग्रह किया, किसी भी विरोधाभास या मतभेद को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता पर बल दिया. जिनपिंग ने दोनों देशों से विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण स्थापित करने, बहुध्रुवीय दुनिया को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में अधिक लोकतंत्रीकरण के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया.