Raj Thackeray News: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार (5 जुलाई 2025) को महाराष्ट्र सहित पूरे देश में हिंदी थोपने के आरोप में केंद्र पर निशाना साधा. उन्होंने जानना चाहा कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की मिशनरी स्कूल में शिक्षा उनके हिंदुत्व पर कोई संदेह पैदा करती है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने ये बयान उस समय दिया जब केंद्र सरकार ने त्रिभाषा फार्मूले के तहत कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले से पलटी मारी. 16 अप्रैल के आदेश में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाया गया था. यह निर्णय महाराष्ट्र जैसे राज्य में विरोध का कारण बना, जहां क्षेत्रीय अस्मिता और भाषा भावनाओं से गहराई से जुड़ी है. 17 जून को दबाव में आकर सरकार को हिंदी को फिर से वैकल्पिक भाषा बनाना पड़ा.
राज ठाकरे ने कहा कि लालकृष्ण आडवाणी ने मिशनरी स्कूल में पढ़ाई की और बाल ठाकरे ने अंग्रेजी अखबार के लिए काम किया, लेकिन इससे उनके हिंदुत्व या मराठी प्रेम पर कोई असर नहीं पड़ा. हमारे बच्चों की शिक्षा अंग्रेजी में है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे मराठी से कम जुड़े हैं. यह बयान इस धारणा को खारिज करता है कि भाषा का माध्यम आपकी सांस्कृतिक निष्ठा को तय करता है. राज ने यह भी बताया कि जयललिता, स्टालिन, ए.आर. रहमान, कमल हासन जैसे दक्षिण भारतीय नेताओं ने भी अंग्रेजी स्कूलों में पढ़ाई की है, लेकिन उन्हें अपनी क्षेत्रीय भाषाओं पर गर्व है.RAJ
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
राज ठाकरे का बड़ा दावा
राज ठाकरे ने यह भी दावा किया कि त्रिभाषा फॉर्मूला की आड़ में एक राजनीतिक साजिश रची जा रही थी, जिसके तहत मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने का रास्ता तैयार किया जा रहा था। उनका यह बयान मराठी अस्मिता के पक्ष में आक्रोश को और तेज़ करता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे लिए भाषा अस्तित्व और अस्मिता का विषय है, सिर्फ संवाद का माध्यम नहीं.