जून 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मामले में ताजा अपडेट यह है कि कनाडा पुलिस ने हत्या से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है. इस बीच यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या निज्जर की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ था?
कनाडा के एक अखबार ने कनाडाई पुलिस के हवाले से यह दावा किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पुलिस ने निज्जर की हत्या से जुड़े एक कथित हिट स्क्वाड के सदस्यों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया है जिसमें तीन भारतीय लड़के शामिल हैं. इन सभी के बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का दावा किया जा रहा है.
अखबार ने एक बार फिर भारत सरकार पर निज्जर की हत्या का आरोप लगाया गया है. कनाडा पुलिस ने हत्या और साजिश के आरोप में कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और करन बरार को गिरफ्तार किया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आरोपी अस्थाई वीजा पर साल 2021 में कनाडा पहुंचे थे. उनमें से कुछ के पास स्टूडेंट वीजा था लेकिन किसी ने भी कनाडा में पढ़ाई नहीं की.
गिरफ्तार आरोपियों का कनेक्शन हरियाणा और पंजाब के क्रिमिनल सिंडीकेट से बताया गया है, जिसका संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से है. कनाडा पुलिस ने खालिस्तानी आतंकी सुखदूल उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या के पीछे भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का हाथ बताया है. सुक्खा की हत्या के बाद ही खुलासा हुआ था कि लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ ने सुक्खा की कनाडा में हत्या करवाई थी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो कई मौकों पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर आरोप लगा चुके हैं. हाल ही में उन्होंने भारतीय समुदाय से जुड़े एक प्लेटफॉर्म पर कहा था कि कनाडा और भारत क्षेत्रफल और जनसंख्या की दृष्टि से दुनिया के दो बड़े लोकतंत्र हैं. दोनों देशों के बीच असल चुनौतियां हैं.
उन्होंने इस दौरान निज्जर की हत्या की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके विश्वसनीय सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट कनाडा की जमीं पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे. ये वास्तविक समस्या है. ये नियमों को मानने वाले वाली वैश्विक व्यवस्था, खुले लोकतांत्रिक विचारों और संप्रभुता के सिद्धांतों के लिए भी समस्या है जिनके लिए हम खड़े हैं.
निज्जर की हत्या को लेकर दिए गए ट्रूडो के ताजा बयान पर भारत ने प्रतिक्रिया दी है. भारत सरकार ने कहा है कि ट्रूडो के बयान ने एक बार फिर दर्शा दिया है कि कनाडा में अलगाववाद, चरमपंथ और हिंसा को पॉलिटिकल स्पेस दिया गया है.
पिछले साल संसद में बोलते हुए जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का इल्जाम भारत पर लगाया था. इसके बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तनाव बढ़ गया था. तब से ही भारत और कनाडा के बीच रिश्ते उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं. भारत ने भी ट्रूडो और उनकी पार्टी पर खालिस्तानियों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया था.
पिछले साल जून में कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर निज्जर की हत्या कर दी गई थी. निज्जर खालिस्तानी आतंकी था और खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था. वह बीते कई साल से कनाडा में रह रहा था और वहां से भारत के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवाद को हवा दे रहा था.
ट्रूडो जब 2018 में भारत दौरे पर आए थे. उस समय उन्हें पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने खालिस्तानी आतंकियों की एक सूची सौंपी थी, जिसमें निज्जर का भी नाम शामिल था. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 2020 में निज्जर को आतंकी घोषित कर दिया था.
2010 में पटियाला के एक मंदिर के बाहर हुए बम विस्फोट में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. हिंसा भड़काने, आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने सहित कई मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी. भारत ने हरदीप सिंह निज्जर को डेजिग्नेटेड टेरेरिस्ट यानी आतंकवादी घोषित किया था. NIA ने उस पर 10 लाख का इनाम भी घोषित कर रखा था.