छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स (CAF) की 2018 आरक्षक भर्ती विवादों में है। कोर्ट के आदेश के बाद भी 8 साल से वेटिंग लिस्ट के 417 अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं हुई। अभ्यर्थियों ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लेटर लिखा है। पूछा है कि नौकरी नहीं मिलने पर क्यों न हम नक्सली बन जाएं।
CAF के कैंडिडेट्स का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार सरेंडर पॉलिसी के तहत नक्सलियों को जमीन, आवास, सरकारी नौकरी और करोड़ों का फंड दिया जाता है। सरेंडर नक्सलियों को जब सारी सुविधाएं मिल रही हैं, तो क्यों हम भी उसी राह चलने का मन न बनाएं।
दैनिक भास्कर की टीम ने वेटिंग लिस्ट में शामिल इन अभ्यर्थियों से बातचीत की। अभ्यर्थियों ने कहा कि हम नक्सलियों से भी गए-गुजरे हो गए हैं। हम ईमानदारी से अपना हक मांग रहे हैं, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। कई साल से भटक रहे हैं।
अब पढ़िए शाह को लिखे लेटर में क्या-क्या है ?
अमित शाह को भेजे गए लेटर में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने हस्ताक्षर किया है। उसमें लिखा कि 2018 में कांग्रेस सरकार के आने के बाद अनदेखा किया गया। कोर्ट ने वेटिंग लिस्ट में शामिल उम्मीदवारों की ज्वाइनिंग के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार ने आदेश को लागू नहीं किया। अब बीजेपी सरकार में भी वह हो रहा है।
अभ्यर्थियों ने लिखा कि कई बार मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय का चक्कर लगाया। हर बार उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग भेजा गया, लेकिन समस्या का समाधान नहीं निकला। 2023 में हुई नई भर्ती परीक्षा में भी प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया। उनका भविष्य पूरी तरह अधर में फंस गया है।
नक्सलियों को सरेंडर करने पर सरकारी नौकरी, आर्थिक मदद समेत कई सुविधाएं दी जाती है, लेकिन हम पढ़े लिखे और 417 क्वालिफाइड कैंडिडेट्स हैं। सिलेक्ट होने के बाद भी नियुक्ति न देना हमारे साथ अन्याय है। कहीं हमारे मन में भी इस तरह का भाव (नक्सली की तरह) न आए, उसी राह पर चलने के लिए मजबूर न हो जाएं।
आंदोलन और सरकार के खिलाफ चुनाव प्रचार की चेतावनी
अभ्यर्थियों ने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि 2018 की भर्ती की प्रतीक्षा सूची को निरस्त करने के बजाय तुरंत नियुक्ति आदेश जारी किया जाना चाहिए। हम 8 साल से इंतजार कर रहे हैं। अगर जल्द सेवा में नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन करेंगे। साथ ही आने वाले चुनावों में भी सरकार के खिलाफ प्रचार करेंगे।
CAF में 3 हजार 326 पद खाली, फिर भी ज्वाइनिंग नहीं दी
दैनिक भास्कर से कैंडिडेट्स ने बताया कि CAF में 1,786 पदों पर भर्ती हुई, लेकिन कई चयनित कैंडिडेट्स मेडिकल में फेल हो गए। कई युवाओं ने दूसरी नौकरी मिलने पर पद छोड़ दिया। इसके बाद भी खाली पदों पर वेटिंग लिस्ट के युवाओं को नियुक्ति नहीं दी गई। आज CAF में 3 हजार 326 पद खाली हैं।
अभ्यर्थी बोले- हम लोग ओवरएज होते जा रहे
अभ्यर्थियों ने कहा कि भर्ती से जुड़े 417 उम्मीदवार अभी भी वेटिंग लिस्ट में हैं। इनमें से ज्यादातर ओवरएज हो चुके हैं। वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों में दुर्ग संभाग के अभ्यर्थी बड़ी संख्या में हैं। अभ्यर्थियों ने बताया कि 7 साल से वे मंत्रालय और पुलिस मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
एक महिला कैंडिडेट ने कहा कि हम राजनीति का शिकार हो चुके हैं। क्वालिफाई होकर भी बेरोजगार भटक रहे हैं। नक्सलियों को नौकरी और जमीन दी जाती है, लेकिन हमें हमारे हक की नौकरी नहीं मिल रही है। 8 साल से परेशान हैं।
केंद्र सरकार से मिला सकारात्मक जवाब
एक अभ्यर्थी ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री को कलेक्टर के माध्यम के पत्र भेजा था। इस पत्र में उन्होंने सारी बातें बताई। वहां से रिसिविंग मिलने के साथ ही सकारात्मक जवाब भी मिला है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माना कि प्रक्रिया इतनी लंबी नहीं होनी चाहिए थी।
जल्द ही इसका निराकरण करने की बात कही है। प्रदेश के एक अफसर को इस मामले का निराकरण करने और जवाब दिल्ली भेजने की बात भी कही गई है।
इन कैंडिडेट्स ने हस्ताक्षर कर भेजा केंद्रीय मंत्रालय ?
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को लिखे लेटर में CAF कैंडिडेट किरण कुमार, विक्रम कुमार, संदीप, श्रीकांत, विजय कुमार साहू, नरेश कुमार यादव, रामसागर यादव, राजेश यादव, दीपक साहू, संजय साहू, सूरज यादव और जितेंद्र यादव समेत कई अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर हैं।
दैनिक भास्कर की टीम ने एडीजी विवेकानंद सिन्हा से फोन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी अधिकारी का बयान नही आया है।