हर कोई चाहता है कि वो अपने ड्रीम कार में सफर करे और अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए आम आदमी तमाम तरह के जतन भी करता है. लेकिन क्या हो जब आप अपनी पसंदीदा कार के लिए 14 लाख रुपये जितनी बड़ी रकम डीलरशिप और बैंक को दें और बदले में आपको कार की चाबी तक नसीब न हो. यह पढ़कर आपको थोड़ी हैरानी हो रही होगी लेकिन ये कहानी केरल के उस महिला की है जिसकी मां कार देखने के अरमान लिए इस दुनिया चली गई. लेकिन डीलरशिप और कार कंपनी के जाल में ये महिला ऐसी फंसी जिसके समाधान का कोई सिरा अब तक नहीं मिला है.
ये मामला केरल के त्रिवेंद्रम का है. जहां की रहने वाली दीपिका सुशीलन (Deepika Susheelan), जो पेशे से एक फिल्म क्यूरेटर हैं. उन्होनें स्कोडा स्लाविया सेडान कार बुक की थी. कार की बुकिंग के बाद उन्होंने बैंक से बाकायदा इसके लिए लोन लिया और अब तक वो 14 लाख रुपये से ज्यादा अमाउंट डीलरशिप और बैंक को दे चुकी हैं.
हैरानी की बात ये है कि कार खरीदारी की इस प्रक्रिया में न उन्हें कार मिली है और न ही पैसे वापस मिल रहे हैं. बल्कि अब डीलरशिप भी बंद हो चुकी है. तो यदि आप भी कार खरीदने की सोच रहे हैं तो आपको यह कहानी जरूर पढ़नी चाहिए. इस बारे में दीपिका ने Aaj Tak.in से बात की और पूरा मामला विस्तार से बताया.
क्या है पूरा मामला:
दीपिका बताती हैं कि, उन्होनें 4 अप्रैल 2022 को स्कोडा इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से बुकिंग शुरू की. इसके बाद लीड जनरेट हुआ और उन्हें केरल के त्रिवेंद्रम में स्थित स्कोडा-मलयालम मोटर्स के निकटतम डीलरशीप से संपर्क किया गया. इसके बाद वो डीलरशिप पर पहुंची और कार का टेस्ट ड्राइव लिया और बतौर बुकिंग अमाउंट 25,000 रुपये जमा किए. उस वक्त कार की ऑनरोड कीमत तकरीबन 16 लाख रुपये थी.
दीपिका कहती हैं कि, “वो चाहती थीं कि 8 लाख रुपये का डाउन पेमेंट करें और अन्य 8 लाख की रकम को बतौर लोन जमा करें. इसके बाद स्थानीय डीलरशिप के एक एक्जीक्यूटिव द्वारा उनसे संपर्क किया गया. एक्जीक्यूटिव ने दीपिका से कहा कि कार की बुकिंग तेजी से हो रही है और इससे पहले भी कई लोगों ने कार को बुक किया है जिन्हें डिलीवरी का इंतजार है. तो यदि वो बतौर डाउन पेमेंट 5 लाख रुपये जमा करती हैं तो उन्हें डिलीवरी जल्दी मिल जाएगी. इसके बाद दीपिका ने बातचीत के बाद 3 लाख रुपये और दिए. अब तक उन्होनें 3.25 लाख रुपये कार के लिए जमा कर दिए थें.”
इधर बीच कार लोन के लिए 8 लाख रुपये की राशि भी बैंक द्वारा अप्रूव हो गई. और यह राशि डीलर के पास एक दिन के भीतर जमा कर दी गई. यानी अब तक डीलरशिप को तकरीबन 11 लाख रुपये दिए जा चुके थें. दीपिका कहती हैं कि, “ये पूरी प्रक्रिया सामान्य ढंग से ही चल रही थी. लेकिन अब तक मुझे डीलरशिप द्वारा कार की डिलीवरी की कोई तय तारीख नहीं दी गई थी. अब चूंकि लोन की राशि डीलरशिप के खाते में जमा हो गई थी मेरी मासिक किस्त (EMI) भी शुरू हो चुकी थी.”
मां को दिखाना चाहती थीं कार:
दीपिका बताती हैं कि “उनकी मां कैंसर से पीड़ित थीं और वो गंभीर स्थिति में थीं. वो चाहती थीं कि उन्हें जल्द से जल्द कार की डिलीवरी मिले ताकि उनकी मां कार को देख सकें. लेकिन दुर्भाग्यवश लाखों रुपये देने के बाद भी उन्हें अब तक कार की डिलीवरी नहीं मिली. इस बीच मई महीने में उनकी मां का देहांत हो गया. दीपिका कहती हैं कि, मेरे परिस्थितियों से डीलरशिप का एक्जीक्यूटिव पूरी तरह से परिचित था और वो जनता था कि मैं जल्द से जल्द कार की डिलीवरी चाहती हूं.”
लेकिन मां के मौत के कुछ हफ्तों के बाद मई के अंत में दीपिका को डीलरशिप से एक बार फिर फोन किया गया. उस वक्त डीलरशिप ने उनसे कहा कि, “मैम कार की डिलीवरी में और भी देरी होने की संभावना है इसलिए बेहतर होगा कि आप कार की बुकिंग कैंसिल कर दें. इसके बाद आपके पैसे रिफंड कर दिए जाएंगे.”
दीपिका कहती हैं कि, “मैं जिस वजह (मां को दिखाने के लिए) से कार खरीदना चाहती थी, वो वजह अब मेरी जिंदगी में नहीं थी. इसलिए मेरे लिए यह मायने नहीं रखता था कि कार की डिलीवरी जल्दी से हो या देर से. मैं कुछ और महीने इंतजार करने के लिए तैयार थी. इसके बाद मैनें स्कोडा इंडिया (कार निर्माता) के कस्टमर केयर से संपर्क किया और उन्हें पूरी स्थिति से अवगत कराया. जिसके बाद मुझे स्कोडा की तरफ से एक स्टैंडर्ड रिप्लाई मिला कि, आपकी शिकायत दर्ज कर ली गई है और आपका कम्पलेंट नंबर ये है.”
कार बुकिंग कैंसिल:
चूकिं कार की डिलीवरी के बारे में कोई पुख्ता जानकारी मुझे नहीं मिल रही थी. इसलिए मैनें मलायालम मोटर्स को कार की बुकिंग कैंसिल करने के लिए ई-मेल किया. अपने इस ई-मेल में मैनें स्कोडा इंडिया को भी शामिल किया था. जिसके बाद मुझे डीलरशिप द्वारा जवाब मिला कि, आपको अगस्त में रिफंड मिल जाएगा. लेकिन अब तक मुझे कोई रिफंड नहीं मिला था.
बंद हो गई डिलरशिप:
दीपिका कहती हैं कि, “जब मुझे अगस्त के अंत पैसे नहीं मिले तो मैनें डिलररिश से फिर संपर्क किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला. बाद में मुझे पता चला कि डिलरशिप बंद हो चुका है. तमाम प्रयासों के बाद मुझे जब पैसे नहीं मिले तो मैनें फरवरी 2023 में कंज्यूमर कोर्ट में डिलरशिप के खिलाफ केस दायर किया. इस मामले में स्कोडा इंडिया को फर्स्ट पार्टी, मलयालम मोटर्स को सेकंड पार्टी और बैंक को थर्ड पार्टी बनाया गया.”
बिना कार के 20 महीनों तक चुकाई EMI:
अब तक दीपिका को कार की डिलीवरी नहीं मिली थी. लेकिन अप्रैल 2022 में लोन अप्रूव होने के बाद उनकी मासिक किस्त (EMI) जून-2022 से शुरू हो चुकी थी. जिसके लिए उन्हें इस दौरान हर महीने 12,081 रुपये चुकाने होते थें. लेकिन कंज्यूमर कोर्ट में मामला जाने के बाद फरवरी 2024 को EMI पर स्टे मिल गया यानी अब उन्हें किस्त नहीं देनी थी. लेकिन इस बीच दीपिका ने जून-22 से लेकर फरवरी-24 तक तकरीबन 20 महीनों तक किस्त चुकाई. जो लगभग 2.5 लाख रुपये के आसपास होगी. यानी अब तक बिना किसी कार के दीपिका 14 लाख रुपये की राशि चुका चुकी हैं.
अब क्या है स्थिति:
दीपिका कहती हैं कि, फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है और मैं इस बीच कई बार स्कोडा इंडिया से संपर्क भी कर चुकी हूं लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला है. अब चूकिं मलयालम मोटर्स बंद हो चुका है तो उनकी जगह पर पीपीएस मोटर्स के नाम से नई डिलरशिप शुरू की गई है जिनसे मैं संपर्क में हूं.