ओडिशा के बरगढ़ जिला मुख्यालय अस्पताल में इलाज को लेकर चौंकाने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां सड़क हादसे के घायलों का इलाज प्लास्टर ऑफ पेरिस से नहीं, बल्कि कार्डबोर्ड के टुकड़ों से किया जा रहा है. इसके बाद मरीजों को आगे के इलाज के लिए बुर्ला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया जाता है. जांच की बात है कि यह देसी जुगाड़ तरीका कोई नई बात है या फिर यह खेल लंबे समय से चल रहा है.
बरगढ़ और आसपास के गांवों के अलावा पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के लोग भी इलाज के लिए इसी अस्पताल पर निर्भर हैं. इस अस्पताल में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन इन सबके बीच कार्डबोर्ड से इलाज के मामले ने मरीजों और लोगों को हैरान कर दिया है. हाल ही में सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि घायल मरीज का हाथ कार्डबोर्ड से बांधकर स्थिर किया जा रहा है. कई बार तो अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं रहते और उनकी गैरहाजिरी में वार्ड अटेंडेंट या अन्य स्टाफ इस तरह का गत्ते वाला इलाज कर देते हैं. इसके बाद उन्हें बुर्ला मेडिकल कॉलेज भेज दिया जाता है.
रगढ़ के सीडीएमओ कुबेर चंद्र महांता ने कहा, “ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए था, जिसने भी ऐसा किया है वह एक अनभिज्ञ व्यक्ति है. हमारे जिले के सरकारी अस्पताल में ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट नहीं हैं, जिसकी वजह से उन्हें सटीक मार्गदर्शन नहीं मिला. अगर किसी अटेंडेंट ने ऐसा किया है तो वह मूर्ख है और बेवकूफी में उसने कार्डबोर्ड लगाकर ऐसा किया है. ऐसा पहले के जमाने में हुआ करता था, जब प्लास्टर ऑफ पेरिस की सुविधा नहीं हुआ करती थी.
अस्पताल कर्मियों को दी जाएगी ट्रेनिंग
अब सरकार की तरफ से व्यापक सुविधाएं हैं और अगर ऐसा किसी के साथ होता है तो पोस्चर स्लैब लगाकर हाथ को ठीक किया जाता है. मामले में जरूर एक्शन लिया जाएगा, पर एक्शन बड़ी बात नहीं है. सबसे पहले हम तो उन्हें ट्रेनिंग देंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न दोहराई जाए, क्योंकि हमारा अस्पताल जिला मुख्य अस्पताल है तो जाहिर है कि यहां पर इंजरी केस और ट्रॉमा केस आएंगे ही.
हम लोगों को ट्रेनिंग देंगे कि अगर कोई व्यक्ति ऐसे मामलों को लेकर आ रहा है तो उन्हें किस तरह से मदद की जानी चाहिए. ट्रेनिंग देकर हम उन्हें सजग करेंगे, ताकि भविष्य में ऐसा दोबारा न हो. फिलहाल हम मामले की विस्तृत जांच करेंगे कि घटना के दौरान वहां कौन मौजूद था, किस समय की घटना है और वहां किसकी ड्यूटी थी. हम लोगों को खोज कर बाहर निकालेंगे और जांच करेंगे कि इस मामले के लिए जिम्मेदार कौन है.