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बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हिंसा पर कार्यवाहक सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या कहा?

बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार के सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शनिवार, 11 अगस्त को संकटग्रस्त देश के अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों को ‘जघन्य’ बताते हुए साफ तौर से निंदा की. मुहम्मद यूनुस ने आगाह किया कि अल्पसंख्यकों पर हमले ‘उनकी प्रगति को कमजोर’ करने की कोशिश करने वाले हो सकते हैं.

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‘क्या इस देश के नहीं हैं हिंदू’

यूनुस ने रंगपुर शहर में बेगम रोकेया विश्वविद्यालय में छात्रों से कहा, “क्या वे (अल्पसंख्यक) इस देश के लोग नहीं हैं? आप (छात्र) इस देश को बचाने में सक्षम हैं; क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते? आपको कहना होगा कि ‘कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता. वे मेरे भाई हैं; हम एक साथ लड़े, और हम एक साथ रहेंगे.”

 

बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समूह है. बांग्लादेश में हिंदुओं की कुल 1.3 करोड़ है, यानी बांग्लादेश की कुल आबादी का 8 प्रतिशत.

 

हिंदुओं को निशाना बनाकर हमला करने की खबरें

 

अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के सदस्यों ने राष्ट्रव्यापी बर्बरता और मंदिरों, उनके घरों और व्यवसायों पर हमलों के बीच सुरक्षा की मांग करते हुए ढाका और चटगांव में विरोध रैलियां आयोजित कीं.बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्जाद परिषद नामक दो संगठनों ने शनिवार को दावा किया कि शेख हसीना के पतन के बाद से देश के 52 जिलों में अल्पसंख्यक लोगों पर 205 हमले हुए हैं. हालांकि हमलों की प्रकृति को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग पक्ष रखे जा रहे हैं.

 

भारत सरकार ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों और वहां रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है. वहीं बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर हमले के आरोपों के बाद देश की सरकार रविवार, 11 अगस्त से देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए हॉटलाइन शुरू करना चाहती है.

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