हाथरस: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में दायर परिवाद की सुनवाई 1 मार्च को होगी। यह मामला हाथरस के बूलगढ़ी गांव से जुड़ा है, जहां 12 दिसंबर 2023 को राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि “रेप पीड़िता के परिवार को घर में बंद रखना और आरोपियों का खुले में घूमना संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।”
राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर उन तीन आरोपियों ने आपत्ति जताई, जो इस मामले में पहले ही कोर्ट से बरी हो चुके थे। आरोपियों रवि, राम कुमार उर्फ रामू और लवकुश के वकील ने राहुल गांधी को 1.5 करोड़ रुपये का कानूनी नोटिस भेजा था। नोटिस में कहा गया कि कोर्ट से दोषमुक्त होने के बाद तीनों युवक सामान्य जीवन जी रहे थे, लेकिन राहुल गांधी की इस पोस्ट ने फिर से उनकी सामाजिक छवि खराब कर दी और उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.
World War 3 will be for language, not land! pic.twitter.com/0LYWoI3K0r
— India 2047 (@India2047in) July 4, 2025
राहुल गांधी ने इस कानूनी नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया, जिसके बाद राम कुमार उर्फ रामू की ओर से एमपी-एमएलए कोर्ट में परिवाद दायर किया गया. परिवाद में राहुल गांधी के बयान को भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 356 (2) के तहत दंडनीय अपराध बताया गया है। इसमें अपमानजनक पोस्ट और न्यायिक निर्णय की अवमानना के आधार पर राहुल गांधी को दंडित करने की मांग की गई है.
सोमवार को इस मामले में सुनवाई होनी थी और परिवादी के बयान दर्ज किए जाने थे. हालांकि, न्यायिक अधिकारी के अवकाश पर होने के कारण अब इस मामले की अगलीअगली सुनवाई 1 मार्च को होगी.