निरीक्षण में अनुपस्थित प्रधानाध्यापक को निलंबन के अवकाश स्वीकृत का मामला, खंड शिक्षा अधिकारी की कार्यशैली पर उठे सवाल

लखीमपुर खीरी: निघासन ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बिनौरा में की गई एक औचक जांच के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है. 24 जुलाई को खंड शिक्षा अधिकारी धर्मेश कुमार द्वारा किए गए निरीक्षण में विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक देवेंद्र कुमार गैरहाजिर पाए गए थे. विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था बेहद खराब पाई गई, वहीं मिड-डे मील में तय अरहर की दाल की जगह मसूर की दाल परोसी जा रही थी.

इन तमाम खामियों के चलते देवेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. लेकिन हैरानी की बात यह रही कि निरीक्षण तिथि से पहले और उसी दिन की अनुपस्थिति को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी ने खुद ही प्रधानाध्यापक की अर्जित अवकाश (EL) की स्वीकृति दे दी. इसमें 19, 23, 24, 25 और 26 जुलाई की छुट्टियां शामिल हैं.

शासन के नियमानुसार अर्जित अवकाश की स्वीकृति, विशेषकर बाल्य देखभाल अवकाश जैसे मामलों में केवल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा दी जा सकती है. बावजूद इसके खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने स्तर पर अवकाश स्वीकृत कर दिया. इससे उनकी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण कुमार तिवारी ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए खंड शिक्षा अधिकारी से तत्काल स्पष्टीकरण तलब किया है. साथ ही स्पष्ट किया है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेजकर कठोर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी.

वहीं बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट जल्द ही लखनऊ मुख्यालय को भेजी जा सकती है. अब देखना यह होगा कि खंड शिक्षा अधिकारी अपनी सफाई में क्या तर्क पेश करते हैं और विभागीय कार्रवाई की अगली दिशा क्या होगी.

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