रोहित कुमार ने महिलाओं से बायोमैट्रिक सत्यापन करने के बहाने 180 महिलाओं से उनकी एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) और बैलेंस चेक कराए। इस प्रक्रिया के दौरान उन्होंने 2 लाख 39 हजार 874 रुपए हड़प लिए. बैंक द्वारा लेन-देन में गड़बड़ी की आशंका जताए जाने पर, पंजिका और नकदी का मिलान किया गया, जिससे यह धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.
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प्रबंधक सत्येन्द्र सिंह ने इस मामले को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि जब आरोपी से पैसे वापस मांगने की कोशिश की गई, तो उसने ना केवल पैसे लौटाने से इनकार किया, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी. इसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी रोहित कुमार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. एसएचओ अमेठी, बृजेश सिंह ने पुष्टि की कि जांच जारी है और आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.
यह घटना एक बार फिर से यह साबित करती है कि बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों में विश्वास का उल्लंघन करना और धोखाधड़ी करना एक गंभीर अपराध है, जिसका समाज पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है.