ग्वालियर : ग्वालियर जिले के बिलौआ में बने पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सकों की लापरवाही और मनमानी का एक बड़ा मामला सामने आया है. जहां पर पशु चिकित्सालय परिसर में गंदगी और अस्पताल से निकलने वाला मेडिसिन वेस्टीज मटेरियल सड़क पर और खुले हुए सेप्टिक टैंक में फेंका जा रहा है. जिसमें बिलौआ पशु चिकित्सालय के समस्त स्टाफ की अनदेखी और लापरवाही सामने आ रही है.
आपको बता दे की अनुभाग के बिलौआ पशु चिकित्सालय कैंपस में और उसके आसपास पड़ी गंदगी और अस्पताल से निकल ने बाला वेस्टीज मटेरियल सड़क पर देखने को मिला और अस्पताल के पास बना हुआ सेप्टिक टैंक का भी मूंह खुला हुआ मिला. जो की पूरी तरह से चिकित्सालय संबंधी स्टाफ की लापरवाही और अनदेखी को बयां करता हैं. इतना ही नहीं पशु चिकित्सालय के पास जो सेप्टिक टैंक बना हुआ है वह खुला हुआ है और उसमें पानी भी भरा हुआ है.
जिसमें अस्पताल से निकला मेडिसिन वेस्टेज मटेरियल भी डला हुआ है. ऐसे में अगर इस सेप्टिक टैंक में कोई जानवर या फिर कोई बच्चा इसमें गिर जाए तो शायद उसका बचना नामुमकिन होगा. क्योंकि यह अस्पताल परिसर और उसमें बना सेफ्टी टैंक बस्ती से लगा हुआ है जो की एक बड़े हादसे को न्यौता दे रहा है. अनुभाग में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमे खुले गड्डों, तालाबों, एवं बावड़ियों में कई मासूम बच्चों नें अपनी जाने गवाईं है.
जिसे लेकर शासन प्रशासन के द्वारा हाल ही में तत्काल प्रभाव से ऐसे खुले हुए बोरवेल और गड्डों को बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं. लेकिन अस्पताल कैंपस में ही ऐसे खुले हुए पानी से भरे सेफ्टी टैंक देखने को मिल रहे हैं. जिसमें कहीं इसमें प्रशासनिक अधिकारियों की भी लापरवाही नजर आती है.
वहीं अगर बात करें अस्पताल से निकलने वाले मेडिसिन वेस्टेज मटेरियल की तो नियम अनुसार अस्पताल से निकला हुआ वेस्टीज मटेरियल खुले में नहीं फेंका जा सकता, क्योंकि इससे कई तरह की बीमारियां फैलने की संभावनाएं रहती हैं लेकिन बिलौआ के पशु चिकित्सालय के आसपास यह वेस्टीज मटेरियल सड़क पर ही डला हुआ देखने को मिल जाएगा जोकी संबंधित अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखीयों को दर्शाता है.
वहीं जब इस संबंध में मीडिया द्वारा संबंधित स्टाफ से जानकारी लेना चाहिए तो अस्पताल में ताला लटका हुआ मिला जिसमें ना तो कोई डॉक्टर मौजूद था और नां हीं कोई चपरासी और जब अस्पताल की दीवाल पर अंकित फोन नंबरों पर संपर्क किया गया तो संबंधित अधिकारी कर्मचारियों ने मीडिया कर्मियों के फोन भी नहीं उठाए.
अब देखना यह होगा कि इतनी बड़ी लापरवाहियां और अनदेखीयों पर प्रशासन के संबंध वरिष्ठ अधिकारी क्या कुछ संज्ञान लेते हैं या फिर हमेशा की तरह ही इस मामले को यूं ही नजर अंदाज कर दिया जाएगा.