उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में सोशल मीडिया पर इस्लाम धर्म और पैगंबर मोहम्मद को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट वायरल होने के बाद हालात बेकाबू हो गए। देखते ही देखते शहर के कई इलाकों में तनाव फैल गया। गुस्साए लोगों ने तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए भारी फोर्स तैनात कर दिया है।
मामले की शुरुआत एक आपत्तिजनक पोस्ट से हुई थी, जो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गई। पोस्ट सामने आते ही धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए सैकड़ों लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन हिंसक रूप लेता गया और देखते ही देखते दुकानों और वाहनों में तोड़फोड़ शुरू हो गई। कुछ जगहों पर आगजनी की भी घटनाएं हुईं।
हालात बिगड़ते देख पुलिस प्रशासन हरकत में आया और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठियां भांजीं। आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए। पुलिस ने अब तक करीब 200 लोगों के खिलाफ नामजद और अज्ञात एफआईआर दर्ज की है। कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ भी की जा रही है।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। प्रशासन ने सोशल मीडिया पर निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
शहर में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला जा रहा है। जिले के आला अधिकारियों का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है लेकिन एहतियातन चौकसी जारी रहेगी।
इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से सामाजिक सौहार्द को गहरी चोट पहुंचती है। वहीं प्रशासन का दावा है कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
कुल मिलाकर, शाहजहांपुर की यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट किस तरह माहौल को बिगाड़ सकती है और समाज में तनाव पैदा कर सकती है।