मैक्स अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों को अब बड़ा झटका लगने वाला है. देश की तीन बड़ी बीमा कंपनियां — निवा बुपा, स्टार हेल्थ और केयर हेल्थ इंश्योरेंस — ने मैक्स हेल्थकेयर से कैशलेस इलाज की सुविधा बंद कर दी है. इन कंपनियों ने साफ कर दिया है कि मैक्स की किसी भी ब्रांच में अब कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट उपलब्ध नहीं होगा. हाल ही में बजाज आलियांज की कैशलेस सुविधा भी यहां बंद की गई थी.
बीमा कंपनियों ने कहा है कि पॉलिसीधारक अगर मैक्स अस्पताल में इलाज कराना चाहें तो उन्हें पहले अपने खर्च से बिल चुकाना होगा और बाद में रीइम्बर्समेंट का दावा करना होगा. इसके लिए डिस्चार्ज समरी, मेडिकल रिपोर्ट, प्रिस्क्रिप्शन, बिल, पहचान पत्र और चेक जैसे जरूरी दस्तावेज जमा करने होंगे.
इसी बीच अस्पतालों का संगठन एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया (AHPI) ने 1 सितंबर से बजाज आलियांज के लिए सभी सदस्य अस्पतालों में कैशलेस सुविधा रोकने का निर्देश दिया है. इसमें मैक्स और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स समेत 20,000 से ज्यादा अस्पताल शामिल हैं. यही नोटिस केयर हेल्थ इंश्योरेंस को भी भेजा गया है और 31 अगस्त तक जवाब मांगा गया है. अगर जवाब नहीं मिला तो केयर पॉलिसीधारकों के लिए भी कैशलेस सेवा बंद हो सकती है.
AHPI का कहना है कि भारत में हर साल मेडिकल खर्च 7-8% की दर से बढ़ रहा है. स्टाफ की सैलरी, दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, जबकि बीमा कंपनियां पुराने रेट पर ही इलाज कराने की जिद करती हैं. संगठन का आरोप है कि बीमा कंपनियां क्लेम सेटलमेंट में देरी करती हैं और मरीजों को डिस्चार्ज अप्रूवल देने में भी वक्त लगाती हैं, जिससे अस्पताल प्रबंधन पर दबाव बढ़ता है.
इस फैसले का सीधा असर लाखों पॉलिसीधारकों पर पड़ेगा जो अब कैशलेस इलाज के बजाय जेब से पैसा खर्च करके बाद में बीमा कंपनियों से वापसी ले सकेंगे. मरीजों और उनके परिजनों के लिए यह व्यवस्था न केवल आर्थिक बोझ बढ़ाने वाली है, बल्कि आपात स्थिति में बड़ी परेशानी भी खड़ी कर सकती है.