Rajender nagar coaching institute case: राजेंद्र नगर कोचिंग में तीन छात्रों की मौत से जुड़े मामले में CBI के जांच अधिकारी को बदलने की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नोटस जारी किया. राजेंद्र नगर कोचिंग में तीन छात्रों की मौत से जुड़े मामले में CBI के जांच अधिकारी को बदलने की मांग वाली याचिका पर हाई कोर्ट ने ये नोटस जारी किया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में CBI से जवाब मांगा है.मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी.
दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI को चार्जशीट दाखिल करने से रोकने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि CBI को चार्जशीट दाखिल करने से रोकने वाली याचिका कानून से परे जा कर दाखिल की गई है. कोर्ट इस तरह का आदेश जारी नहीं कर सकता है. गौरतलब है कि मृतक छात्र के पिता ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि CBI ने मामले की जांच में अभी तक किसी भी MCD के अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं की है न ही उनसे पूछताछ की है.
राउज एवेन्यू कोर्ट से कोचिंग मालिक को मिली बेल
कोचिंग सेंटर हादसे मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कोचिंग सेंटर के मालिक को 23 सितंबर को अंतरिम जमानत दे दी. कोचिंग सेंटर के अलावा कोर्ट ने RAU’s IAS कोचिंग सेंटर के सीईओ अभिषेक गुप्ता और को-ऑर्डिनेटर देशपाल सिंह को भी अंतरिम जमानत मिल गई है.
दिल्ली की अदालत ने कोचिंग सेंटर के सीईओ और को-ऑर्डिनेटर को एक लाख रुपये के जमानत बॉन्ड और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि भरने पर अंतरिम जमानत देने की निर्देश दिया है. कोर्ट ने दोनों को 7 दिसंबर तक अंतरिम जमानत दी है.
HC ने दी थी चार को-ऑनर को अंतरिम जमानत
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने बेसमेंट के चार को-ऑनर परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सबरजीत सिंह को भी अंतरिम जमानत दे दी थी. बता दें कि 27 जुलाई, 2024 की शाम दिल्ली में बारिश के बाद ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित RAU’S IAS कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से दो छात्राओं उत्तर प्रदेश की रहने वाली 25 वर्षीय श्रेया यादव, तेलंगाना की रहने वाले 25 वर्षीय तान्या सोनी और केरल के रहने वाले 24 वर्षीय नेविन डेल्विन की डूबकर मौत हो गई थी. कोचिंग संचालकों पर बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने का आरोप है.
इस हादसे के बाद दिल्ली नगर निगम ने कार्रवाई करते हुए बिल्डिंग नियमों का उल्लंघन करने पर 200 कोचिंग सेंटर्स को सील कर दिया था. ये वो कोचिंग सेंटर्स हैं जिनके बेसमेंट में क्लासेस चल रही थी या बिना परमिशन वाले काम के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे. एमसीडी ने अपने सर्वे अभियान के दौरान कई चीजों का जायजा लिया है खासकर कोचिंग सेंटर्स के बेसमेंट का. इस दौरान कोई भी गतिविधि मिलने पर बेसमेंट को सील कर दिया.